Sonam Raghuwanshi: काशी में सोनम रघुवंशी का जीते-जी तर्पण, दिया समाज निकाला
वाराणसी में महिलाओं ने हनीमून पर पति की हत्या के आरोप में फंसी सोनम रघुवंशी का पिंडदान किया और पिंड को गंगा में प्रवाहित करने की बजाय जला दिया। उन्होंने सोनम को समाज से बहिष्कृत करने की बात कही और उसके पति राजा रघुवंशी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। महिला व्यापार मंडल ने सोनम के कृत्य की निंदा की।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। कुछ महिलाएं बुधवार को दशाश्वमेध घाट पहुंचीं और पुरोहित से मिलकर हनीमून के दौरान अपने पति की हत्या के आरोप मेें फंसी इंदौर निवासी सोनम रघुवंशी का विधि-विधान से पिंडदान किया।
पिंडदान कर उस पिंड को गंगा में न बहाकर उसके पोस्टर के साथ उसे आग के हवाले कर दिया। महिलाओं का कहना था कि सोनम को समाज से बहिष्कृत किया जा रहा है, उसने जो कृत्य किया है, इसके लिए उसे नर्क में भी जगह नहीं मिलेगी।
महिलाओं ने उसके पति राजा रघुवंशी के लिए भी पिंडदान कर उसकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। महिला व्यापार मंडल अध्यक्ष सुनीता सोनी ने कहा कि सोनम के इस कृत्य से प्रत्येक महिला को संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है।
सोनम महिला के नाम पर धब्बा है। हम ऐसी महिला का बहिष्कार करते हैं, जिसने पूरी महिला जाति को कलंकित किया। ऐसी महिलाओं को समाज में रहने का कोई हक नहीं है।
घाट पुरोहित ने बताया कि हमारे समाज में मृत व्यक्ति का पिंडदान कराया जाता है. लेकिन जो दंडी स्वामी हैे या जिन्हें समाज से बहिष्कृत किया जाता है उनका जीवित भी पिंडदान होता है।
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