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    Varanasi Gyanvapi Mosque case : जानिए क्या है वाराणसी में काशी-विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद का पूरा मामला, क्यों शुरू नहीं हो सकी मुकदमे की सुनवाई

    By Amitabh GunjanEdited By:
    Updated: Sun, 08 May 2022 12:16 PM (IST)

    शहर में स्थित काशी-विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण को लेकर आसपास के इलाकों में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए। इस दौरान कुछ लोगों ने धार्मिक नारेबाजी की लेकिन पुलिस ने उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया। दूसरे दिन भी सर्वे का कार्य पूरा नहीं हो सका।

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    शहर में स्थित काशी-विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर पक्ष और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी रहा।

    वाराणसी, जेएनएन। शहर में स्थित काशी-विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर पक्ष और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी रहा। अंजुमन इंतजमिया मसाजिद कमेटी की तरफ से दूसरे दिन भी ज्ञानवापी में सर्वे का विरोध किया गया। सर्वे के पहले और दूसरे दिन ज्ञानवापी रोड पर मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोग भारी संख्‍या में जुटे रहे। हालांकि इस दौरान कई लोगों ने नारेबाजी भी शुरू की। इस दौरान पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद रही। दूसरे दिन भी सर्वे का कार्य पूरा नहीं हो सका।

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    ओवैसी बोले- हुआ कानून का उल्लंघन, केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने कहा- किसी के रोकने से नहीं रूकेगा सर्वे

    ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर एआईएमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने भी ट्वीट कर ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे को कानून का उल्लंघन बताया और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा और संघ पिछली सदी के नौवें दशक की नफरत के युग को जगाने की कोशिश कर रहे हैं। इस मामले पर केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य राज्यमंत्री कौशल किशोर ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर का सर्वे इसलिए किया जा रहा है ताकि सच सामने आ सकेगा। उन्होंने कहा कि कोर्ट का जो आदेश है उसका पालन करना पड़ेगा। किसी के रोकने से यह नहीं रूकेगा।

    अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के प्रार्थना पत्र पर अगली सुनवाई 9 मई को

    वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर में कमीशन की कार्यवाही कर रहे एडवोकेट कमिश्नर को बदलने की मांग अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने की है। कमेटी की तरफ से दाखिल प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर ने वादी पक्ष और एडवोकेट कमिश्नर से आपत्ति मांगा है। बता दें कि अदालत ने अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के प्रार्थना पत्र पर अगली सुनवाई के लिए 9 मई 2022 की तिथि दी है।

    ये है मामला

    ज्ञानवापी परिसर में नया मंदिर निर्माण और पूजा-पाठ करने को लेकर 15 अक्टूबर 1991 को सिविल जज (सिडि.) वाराणसी की अदालत में वाद दायर किया गया था। जिसमें विवादित स्थल को स्वयंभू विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर का अंश बताया गया। ज्ञानवापी मस्जिद का विवाद 1991 से ही चल रहा है लेकिन 31 साल बाद भी मुकदमे की सुनवाई शुरू नहीं हो सकी है। एक पक्ष द्वारा दावा किया जाता है कि मंदिर तोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद निर्माण किया गया था। ज्ञानवापी मस्जिद के नीचे 100 फीट ऊंची विशेश्वर का स्वयम्भू ज्योतिर्लिंग स्थापित है। बता दें कि काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर के पास ही ज्ञानवापी मस्जिद स्थित है।

    सुरक्षा-व्यवस्था चाक-चौबंद

    ज्ञानवापी मामले को लेकर चौक इलाके में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए। शाम को कई वाट्सएप ग्रुप में यह मैसेज चलाए जाने लगे कि ज्ञानवापी पहुंचे। इलाके में भीड़ बढ़ने लगी तो प्रशासन भी मुस्तैद हो गई। इस दौरान कई युवकों ने फेसबुक लाइव की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें वहां से समझाकर वापस भेज दिया। स्थिति को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद रहा ताकि वर्तमान स्थिति से निपटा जा सके। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बलों की तैनाती की गई।

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