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    हमने धरती खोई लेकिन बचाकर रखा कुटुंब, वाराणसी में बोले- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने शंकराचार्य के श्लोक स्वदेशो भूमत्व का स्मरण करते हुआ कहा कि राष्ट्र की सबसे छोटी इकाई कुटुंब बलवान व अतुलनीय शक्ति वाला है। सैकड़ों वर्षों तक अन्य मतवलंबियों के आक्रमण के बाद हमने अपनी धरती को खोया।

    By Anurag SinghEdited By: Updated: Sat, 03 Sep 2022 10:40 PM (IST)
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    दो दिवसीय अखिल भारतीय कुटुंब प्रबोधन के पहले दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने संबोधित किया।

    वाराणसी, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने शंकराचार्य के श्लोक 'स्वदेशो भूमत्व' का स्मरण करते हुआ कहा कि राष्ट्र की सबसे छोटी इकाई कुटुंब बलवान व अतुलनीय शक्ति वाला है। सैकड़ों वर्षों तक अन्य मतवलंबियों के आक्रमण के बाद हमने अपनी धरती को खोया। सांस्कृतिक जीवन को प्रभावित कर उसे पूरी तरह नष्ट करने का प्रयास हुआ, परंतु इस दीर्घकालीन व्यस्था में कुटुंब व्यवस्था बरकरा रही। इसलिए इसे मजबूत करने की जरूरत है।

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    होसबाले मारवाड़ी युवक संघ सभागार में शुरू संघ के दो दिवसीय अखिल भारतीय कुटुंब प्रबोधन को पहले दिन शनिवार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि परिवार के कल्याणकारी बनने से समाज और देश का कल्याण होगा। इसलिए कुटुंब प्रबोधन का कार्य अपने परिवार से ही शुरू करने की जरूरत है। संघ द्वारा निर्धारित नौ करणीय (किए जाने वाले) सबसे सटीक और प्रभावी माध्यम हैं। जो लोग भी इसे अच्छे ढंग से फलित कर रहे हैं, उसे अन्य लोग भी जानें। देशभर से आए प्रांत प्रमुखों ने किए जा रहे अपने अच्छे कार्यों को आपस में साझा किया। आयोजन में देशभर से संघ के 200 प्रांत कुटुंब प्रबोधन संयोजक, सहसंयोजक, क्षेत्र कुटुंब प्रबोधन संयोजक पत्नी संग भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम का उद्घाटन प्रार्थना व गीत से होने के बाद उन्हें टोलियों के अनुसार बैठाया गया। दिनभर स्वयंसेवकों ने आपस में चर्चा की। इसके पूर्व सभी ने भोर में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में दर्शन के साथ परिसर में आदि शंकराचार्य, भारत माता, अहिल्याबाई व मां गंगा के दर्शन किए।

    क्या है नौ करणीय कार्य :

    - महीने में दो बार परिवार के साथ बैठना।

    - एक दिन मित्र परिवारों के साथ चर्चा।

    - मोबाइल, टीवी का विवेकपूर्ण उपयोग।

    - अभी जब जगते हैं, उससे 30 मिनट पहले जगें।

    - परिवार में प्रतिदिन साहित्य का वाचन।

    - गलत सामाजिक मान्यताएं, अहंकार, भय, स्वार्थ को परिवार से दूर करना।

    - जन्मतिथि मनाते समय समाजहित का उपक्रम, आत्मनिरीक्षण।

    - सामाजिक सेवा संस्थाओं को सहयोग।