'वेस्ट नामा' लिखेगा स्वच्छ भारत की नई इबारत, जानिए वाराणसी शहर के लिए क्या है योजना
ऊर्जा और संसाधन संस्थान (TERI) ऊर्जा पर्यावरण और सतत विकास पर केंद्रित अनुसंधान संस्थान वाराणसी में भी सॉलिड वेस्ट प्रबंधन में सक्रिय है। इसके लिए सॉलिड वेस्ट उत्सर्जन अनुमान उपकरण (SWEET) नगरपालिका के ठोस कचरे में आधारभूत उत्सर्जन का विश्लेषण करता है।
वाराणसी, जेएनएन। पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सॉलिड वेस्ट कूड़ा के निस्तारण को लेकर सबसे बड़ी चुनौती है। कूड़े और कचरे के ढ़ेर को निस्तारित करने के क्रम में बायोमीथेनेशन प्लांट से प्रति दिन पांच कचरे का शोधन संभ्ाव है। लिहाजा ऊर्जा और संसाधन संस्थान (TERI) ऊर्जा, पर्यावरण और सतत विकास पर केंद्रित अनुसंधान संस्थान वाराणसी में भी सॉलिड वेस्ट प्रबंधन में सक्रिय है। इसके लिए सॉलिड वेस्ट उत्सर्जन अनुमान उपकरण (SWEET) नगरपालिका के ठोस कचरे में आधारभूत उत्सर्जन का विश्लेषण करता है। टेरी की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार वाराणसी अपशिष्टनामा (वेस्टनामा) कार्यक्रम के तहत वाराणसी के साथ ही पणजी के उत्सर्जन अनुमानों के लिए सॉलिड वेस्ट उत्सर्जन अनुमान उपकरण (SWEET) का उपयोग किया जा रहा है।
भारत में एक ओर व्यापक रूप से सॉलिड वेस्ट उत्सर्जन अनुमान उपकरण लगाकर सीसीएसी द्वारा प्रदान की गई तकनीकी सहायता का प्रयोग कर अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार करने औका प्रयास किया जा रहा है वहीं कार्य योजना विकसित करके शहरों के विकास में भी मदद मिल रही है। वाराणसी शहर के अपशिष्ट उत्सर्जन के लिए आधार रेखा बनाने के लिए उपकरण का उपयोग किया जा रहा है और उन्हें धीरे धीरे कम करने के लिए वैकल्पिक रणनीतियों के साथ योजनाएं अमल में लायी जा रही हैं। कूड़ा निस्तारण संयंत्र, विकेन्द्रीकृत खाद सुविधाओं और बायो-मेथनेशन संयंत्रों की क्षमता में वृद्धि करने का कार्य अब प्राथमिकता में है। नगरनिगम क्षेत्र में गोबर को संभालने के लिए एक अवायवीय पाचन परियोजना भी अब शामिल करने की तैयारी है। इसी तरह, ऊर्जा और संसाधन संस्थान (TERI) ने वाराणसी में सॉलिड वेस्ट उत्सर्जन अनुमान उपकरण का उपयोग किया है, जिसकी वजह से आधारभूत उत्सर्जन का मूल्यांकन करने के लिए एक वेस्टनामा परियोजना GIZ इंडिया के साथ कार्यान्वित की जा रही है।
कूड़ा और कचरा प्रबंधन पाठ्यक्रम का हिस्सा
कूड़े से मेथेनेशन, रीसाइक्लिंग और खाद वजह से सॉलिड वेस्ट उत्सर्जन अनुमान उपकरण प्रयोग करने के साथ ही उत्सर्जन को कम करने को लेकर प्रयासों को गति दी जा रही है। इस बाबत टेरी की ओर से जानकारी दी गई है कि सॉलिड वेस्ट उत्सर्जन अनुमान उपकरण के संदर्भ में पाठ्यक्रम का हिस्सा है जो भोपाल में भारतीय वन प्रबंधन संस्थान में अपशिष्ट प्रबंधन सिखाया जा रहा है।
सॉलिड वेस्ट को बनाया जा रहा उपयोगी
विदेशों में भ्ाी सॉलिड वेस्ट उत्सर्जन अनुमान उपकरण का उपयोग करके बिजली पैदा करने के लिए जैविक कचरे को बायोगैस में बदलने के लिए अवायवीय डाइजेस्टर के पर्यावरणीय लाभों का विश्लेषण किया जा रहा है। परियोजना के वित्तपोषण के लिए शहर की ओर से उत्सर्जन में कमी के विश्लेषण को तकनीकी औचित्य के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। किसी भी उपकरण की तरह, सॉलिड वेस्ट उत्सर्जन अनुमान उपकरण की उपयोगिता उस डेटा पर बहुत कुछ निर्भर करती है जो इसमें डाला गया है। शहरों के लिए अपने अपशिष्ट प्रबंधन के बारे में पूरी जानकारी एकत्र करना भाी एक जटिल प्रकिया है। विशेष रूप से खुले में जलने वाले कूड़े जैसी अनियमित गतिविधियों वाले स्थानों पर यह चुनौती से कम नहीं है। बेहतर अपशिष्ट डेटा एकत्र करना सतत विकास लक्ष्यों का एक बड़ा उद्देश्य है जो शहरों को उनके कचरे के बारे में अधिक ठोस जानकारी आधार बनाने की दिशा में मदद कर रहा है। इस लिहाज से देश में इससे प्राप्त परिणामों को सॉलिड वेस्ट उत्सर्जन अनुमान उपकरणों के साथ जोड़ा गया, जो अब देश के नगरपालिका और नगर निगम के कचरे को उपयोगी बनाने में मदद करेगा।