पांच तरह की होती है मतदाता सूची, सबकी है अलग-अलग प्रक्रिया, जान लें निराकरण का तरीका
वाराणसी में मतदाता सूची पांच प्रकार की होती है और सभी की प्रक्रिया अलग-अलग होती है। प्रत्येक सूची का अपना महत्व है और मतदाता सूची में नाम जुड़वाने, हट ...और पढ़ें

यह समझना आवश्यक है कि वर्तमान में किस सूची का एसआइआर हो रहा है।
अशोक सिंंह, जागरण, वाराणसी। निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची का विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआइआर) किया जा रहा है। इस पुनरीक्षण के संबंध में कई लोग भ्रमित हैं कि यह किस मतदाता सूची का एसआइआर है। कुछ लोग यह कह रहे हैं कि उन्होंने नगर निगम में मतदान किया है, जबकि उनका नाम गांव की प्रधान के चुनाव वाली सूची में था। वास्तव में, मतदाता सूची के पांच प्रकार होते हैं, और यह समझना आवश्यक है कि वर्तमान में किस सूची का एसआइआर हो रहा है।
सामान्यतः, मतदाता सूची में विधानसभा, नगर निकाय और ग्राम पंचायत की सूची शामिल होती है, जिसमें हर भारतीय नागरिक मतदाता बन सकता है। इसके अलावा, शिक्षक और स्नातक एमएलसी चुनाव के लिए विशेष योग्यता रखने वाले नागरिक ही मतदाता बन सकते हैं। इसलिए, यदि आपने नगर निगम या प्रधानी में मतदान किया है, तो यह आवश्यक नहीं है कि आप विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची में भी हों।
पहली प्रकार की मतदाता सूची विधानसभा की होती है, जिसका उपयोग लोकसभा चुनाव में भी किया जाता है। एक बार मतदाता बनने के बाद, आप विधानसभा और लोकसभा चुनावों में जीवनपर्यंत मतदान कर सकते हैं। आपके पास जो मतदाता पहचान पत्र है, वह इसी सूची का है। वर्तमान में इसी का एसआइआर हो रहा है।
दूसरी महत्वपूर्ण सूची नगर निकाय की है, जिसमें नगर निगम, नगर पालिका या नगर पंचायत में निवास करने वाले लोग मतदाता होते हैं। इसकी सूची वार्डवार बनाई जाती है, जैसे वाराणसी नगर निगम के 100 वार्ड की अलग-अलग सूची है। इसका पुनरीक्षण नगर निकाय चुनावों के ठीक पहले किया जाता है। जो लोग गांवों से जुड़े हुए हैं, वे ग्राम पंचायत की मतदाता सूची में मतदाता बन सकते हैं, जिसका पुनरीक्षण ग्राम पंचायत चुनाव के पूर्व किया जाता है।
विशेष मतदाता सूची स्नातक और शिक्षक एमएलसी चुनाव के लिए होती है। इसमें स्नातक उत्तीर्ण नागरिक स्नातक एमएलसी के लिए और शिक्षक शिक्षक एमएलसी के लिए मतदाता बनते हैं। यह जानना आवश्यक है कि स्नातक और शिक्षक एमएलसी चुनाव के समय मतदाता सूची बनाई जाती है, और चुनाव के बाद इसे रद्द कर दिया जाता है।
इस प्रकार, मतदाता सूची के विभिन्न प्रकारों को समझना आवश्यक है ताकि मतदाता सही जानकारी प्राप्त कर सकें और अपने अधिकारों का सही ढंग से उपयोग कर सकें। निर्वाचन आयोग का यह प्रयास मतदाता जागरूकता को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा।

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