Move to Jagran APP

प्रवासी भारतीय दिवस तक झलकने लगेगा श्रीकाशी विश्वनाथ कारीडोर, रूपरेखा तैयार

एएसआइ और इन्टैक के जिम्मे पुरातात्विक निगरानी होगी, वहीं कारीडोर रूट पर आ रहे भवनों की पुरातात्विकता का ख्याल रखने की जिम्मेदारी एएसआइ व इन्टैक की होगी।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 28 Oct 2018 09:50 PM (IST)Updated: Mon, 29 Oct 2018 07:00 AM (IST)
प्रवासी भारतीय दिवस तक झलकने लगेगा श्रीकाशी विश्वनाथ कारीडोर, रूपरेखा तैयार
प्रवासी भारतीय दिवस तक झलकने लगेगा श्रीकाशी विश्वनाथ कारीडोर, रूपरेखा तैयार

वाराणसी (जेएनएन) । बाबा दरबार से मणिकर्णिकाघाट तक प्रस्तावित श्रीकाशी विश्वनाथ कारीडोर जल्द ही गति पकडऩे जा रहा है। इसके लिए श्रीकाशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद ने शासन से 150 करोड़ रुपये मांगे हैं। पीएम व सीएम से जुड़े इस खास परियोजना का डीपीआर और प्रथम चरण के निर्माण के लिए इस धनराशि का मांग पत्र मंगलवार को शासन को भेज दिया गया। 

loksabha election banner

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण के लिहाज से बनाए जा रहे इस कारीडोर के लिए शासन की ओर से 463 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इसमें से भवन खरीद के लिए पहले ही दो चरणों में 40 करोड़ व 150 करोड़ यानी 190 करोड़ दिए जा चुके हैं। इसमें कारीडोर रूट के 296 भवनों में 153 की खरीद की जा चुकी है। साथ ही भवनों का युद्ध स्तर पर ध्वस्तीकरण किया जा रहा है। मंगलवार को ही एक साथ 55 भवनों को ध्वस्त करने में मजदूरों की टीम लगी हुई थी। इसके अलावा अन्य भवनों की खरीद के लिए भी रात तक सहमति बनाने के लिए बैठकों का दौर जारी था। हालांकि इन भवनों में 13 मंदिर और चार नगर निगम के हैं। साथ ही 33 ट्रस्ट भवनों के लिए शासन स्तर पर विशेष प्रावधान किया जाना है। श्रीकाशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र व मंदिर के सीईओ विशाल सिंह के अनुसार दिसंबर तक 10 फीसद और फरवरी तक 25 फीसद कार्य पूरा कर लेने का लक्ष्य है। 

शासन ने दी स्वीकृति, कल तय हो जाएंगे कंसल्टेंट : कारीडोर निर्माण की समग्र रूपरेखा तय करने के लिए कंसल्टेंट चयन की प्रक्रिया 11 अक्टूबर को पूरी हो जाएगी। इस कार्य के लिए निविदा में सिर्फ दो ही कंपनियों की ओर से प्रस्ताव आने के कारण विशिष्ट क्षेत्र प्रशासन ने शासन से अनुमति मांगी थी जिसे मंगलवार को हरी झंडी मिल गई। दोनों कंपनियों यथा एचसीपी अहमदाबाद व प्लानर इंडिया की ओर से इसके लिए सोमवार को प्रेजेंटेशन किया गया था। 

एएसआइ और इन्टैक के जिम्मे पुरातात्विक निगरानी : श्रीकाशी विश्वनाथ कारीडोर रूट पर आ रहे भवनों की पुरातात्विकता का ख्याल रखने की जिम्मेदारी एएसआइ व इन्टैक की होगी। विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद सीइओ विशाल सिंह ने इसके लिए मंगलवार को दोनों संस्थाओं को पत्र लिखा। इसके पीछे उद्देश्य यह कि ध्वस्तीकरण से पहले ऐसी धरोहरों को संरक्षित किया जा सके। इस निमित्त एएसआइ की ओर से सक्रियता भी बढ़ा दी गई।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.