रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पीएम मोदी और योगी आदित्यनाथ के साथ गंगा आरती करते नजर आए, जान लें पूरी हकीकत
सोशल मीडिया पर पीएम मोदी, योगी आदित्यनाथ और रूसी राष्ट्रपति पुतिन की गंगा घाट पर पूजा करते हुए तस्वीरें वायरल हो रही हैं। ये तस्वीरें एआई द्वारा बनाई ...और पढ़ें

तस्वीरें एआई द्वारा बनाई गई हैं और दावा किया जा रहा है कि पुतिन गंगा आरती में शामिल हुए थे, जो कि गलत है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। इन दिनों सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की गंगा घाट पर एक साथ पूजा करते हुए तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों में दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती करते हुए दृश्य और गंगा की सुंदरता को दर्शाया गया है। हालांकि, यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि ये तस्वीरें पूरी तरह से एआई जनरेटेड हैं।
सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही इन तस्वीरों के साथ यह दावा किया जा रहा है कि राष्ट्रपति पुतिन गंगा आरती में शामिल हुए हैं। लेकिन यह जानकारी पूरी तरह से असत्य है। इंटरनेट मीडिया में पुतिन के गंगा घाट पर आने के बाद से ही यह तस्वीरें और अन्य सामग्री तेजी से फैल रही हैं। इस प्रकार की भ्रामक जानकारी से लोगों के बीच गलतफहमियां उत्पन्न हो रही हैं।
गंगा घाट की आरती का दृश्य हमेशा से ही आकर्षण का केंद्र रहा है, और इसे देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। गंगा आरती का आयोजन हर शाम होता है, जिसमें श्रद्धालु और पर्यटक शामिल होते हैं। इस अवसर पर घाट पर एक अद्भुत माहौल बनता है, जो लोगों को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है।
हालांकि, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों की वास्तविकता को समझना आवश्यक है। एआई तकनीक के माध्यम से बनाई गई ये छवियां वास्तविकता से परे हैं और किसी भी प्रकार की आधिकारिक पुष्टि नहीं करती हैं। ऐसे में, लोगों को इस प्रकार की जानकारी को लेकर सतर्क रहना चाहिए और बिना पुष्टि के किसी भी दावे पर विश्वास नहीं करना चाहिए।
इस प्रकार की भ्रामक सूचनाओं का प्रसार न केवल गलतफहमियों को बढ़ाता है, बल्कि यह समाज में अविश्वास भी पैदा करता है। इसलिए, यह आवश्यक है कि हम सोशल मीडिया पर साझा की जाने वाली जानकारी की सत्यता की जांच करें और केवल विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर भरोसा करें।
यह स्पष्ट है कि गंगा घाट पर राष्ट्रपति पुतिन का कोई भी आगमन या आरती में भागीदारी की बात पूरी तरह से निराधार है। ऐसे में, हमें इस प्रकार की भ्रामक सूचनाओं से बचना चाहिए और सही जानकारी को प्राथमिकता देनी चाहिए। पीएम के साथ जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ही अभी तक गंगा आरती का हिस्सा बने हैं।

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