वाराणसी जोन में अवैध विद्युत फेंसिंग से मौतों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश
वाराणसी जोन में खेतों में अवैध विद्युत फेंसिंग से हो रही जनहानि को देखते हुए अधिकारियों ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। अवैध कनेक्शनों को हटाने और नियमित जांच के आदेश दिए गए हैं। विद्युत सुरक्षा के बारे में जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। किसानों को सुरक्षा उपायों का पालन करने की सलाह दी गई है।

पूर्व में दोषियों के खिलाफ हत्या का अभियोग दर्ज कर गिरफ्तारियाँ की गई हैं।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। अपर पुलिस महानिदेशक, वाराणसी जोन, पीयूष मोर्डिया ने गुरुवार को एक पत्र जारी कर बताया कि हाल के दिनों में पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में किसान अपनी फसलों को पशुओं से बचाने के लिए खेतों के चारों ओर विद्युत फेंसिंग (Electric Fencing) कर रहे हैं। यह प्रवृत्ति न केवल अत्यंत खतरनाक है, बल्कि अवैध भी है।
23 अक्टूबर को ही आज़मगढ़ में दो और मिर्ज़ापुर में एक व्यक्ति की विद्युत प्रवाहित तारों से स्पर्श होने के कारण मृत्यु हो गई। इससे पूर्व भी सोनभद्र, गाज़ीपुर, जौनपुर, मऊ और बलिया जनपदों में ऐसे कई हादसे हो चुके हैं। ऐसे मामलों में जहां यह सिद्ध हुआ कि फेंस में अवैध रूप से बिजली प्रवाहित की गई थी, वहाँ दोषियों के खिलाफ हत्या का अभियोग दर्ज कर गिरफ्तारियाँ की गई हैं।
कानूनी स्थिति
विद्युत फेंसिंग करना न केवल खतरनाक है, बल्कि यह विभिन्न कानूनों के अंतर्गत दंडनीय अपराध भी है। भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 के अनुसार, यदि विद्युत प्रवाह से किसी व्यक्ति या पशु की मृत्यु होती है, तो यह गंभीर आपराधिक अपराध माना जाएगा। धारा 105, 106, 110 के अंतर्गत कारावास एवं आर्थिक दंड का प्रावधान है, और यह अपराध गैर-जमानती है।
विद्युत अधिनियम, 2003 के तहत, धारा 126 के अनुसार, बिजली का अनधिकृत उपयोग (जैसे फेंसिंग में) अपराध है। धारा 135 के अंतर्गत यह विद्युत चोरी मानी जाती है, जिसके लिए तीन वर्ष तक की कारावास एवं जुर्माना हो सकता है। उत्तर प्रदेश विद्युत आपूर्ति संहिता के अनुसार, कृषक उपभोक्ता को बिजली का उपयोग केवल सिंचाई या मोटर संचालन हेतु ही अनुमत है। खेत की बाड़ में बिजली प्रवाहित करना “अनधिकृत उपयोग” की श्रेणी में आता है। ऐसा पाए जाने पर कनेक्शन काटा जा सकता है और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
किसानों से अपील
किसानों से अपील की जाती है कि वे अपने खेतों की सुरक्षा हेतु केवल गैर-विद्युत (Non-Electric) फेंसिंग - जैसे काँटेदार तार, बाँस, लकड़ी या जाल - का प्रयोग करें। किसी भी स्थिति में बिजली से प्रवाहित फेंस न बनाएं। यदि किसी स्थान पर अवैध फेंसिंग या विद्युत कनेक्शन दिखाई दे, तो तुरंत स्थानीय पुलिस या विद्युत विभाग को सूचित करें। “बिजली जीवन देती है - उससे खिलवाड़ खतरनाक हो सकता है।”
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