Varanasi Weather Today: आग बरसाते आसमान में बनने लगे बादल, धूप-छांव से जगी उम्मीद
वाराणसी में जेठ के बाद आषाढ़ के आगमन से लोगों को गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है। मौसम विज्ञानी के अनुसार स्थानीय कारकों से ग्रामीण क्षेत्रों में बूंदाबांदी हो सकती है। शहर में अभी गर्मी का प्रभाव बना रहेगा लेकिन बंगाल की खाड़ी में बन रहे निम्न दबाव के क्षेत्र से 14 जून से मौसम में बदलाव की संभावना है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। Varanasi Weather Update: भीषण ताप का संताप दे जेठ ने बुधवार को विदाई तो ले ली, लेकिन गुरुवार से शुरू होने वाले आषाढ़ में उम्मीदों की किरण जगा गया। आग बरसाते आसमान में दोपहर बाद जब बादलों की छाया दिखी तो लोगों का मन मयूर हो उठा लेकिन अगले ही पल फिर आंच दिखाती धूप ने अपना साम्राज्य फैला लिया।
वातावरण में बादलों के बनने की शुुुरुआत हो चुकी है जो दो दिन में और संघनित होकर शायद बूंदाबांदी के योग्य हो सके। भारतीय मौसम विज्ञान के पोर्टल पर हालांकि लगातार आंशिक बादल और गरज-चमक के साथ वर्षा की संभावना जताई जा रही है लेकिन स्थानीय कारकों को देखते हुए बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव इस संभावना के ग्रामीण क्षेत्रों में ही फलीभूत हो सकने की उम्मीद जताते हैं।
उनका कहना है कि शहर में ताप के प्रभाव से अभी दो-तीन दिनों तक बुहुत संभावना नहीं दिखती। हालांकि यदि पुरवा मजबूत हुई और आर्द्रता बढ़ तो किसी भी दिन दोपहर बाद या भोर के समय वर्षा हो सकती है।
बुधवार को सूर्योदय के समय से चिलचिलती धूप आग बरसाने लगी थी। धरती जल रही थी तो दिशाएं दहक रही थीं। बाहर निकलने पर चमड़ी झुलस जाने का आभास होता। दोपहर में सड़कों पर लोगों की आवाजाही कम हो गई। अनेक मार्गाों पर सन्नाटा सा दिखने लगा था।
अधिकतम तापमान बीते 24 घंटे की अपेक्षा 0.3 डिग्री सेल्सियस बढ़कर सामान्य से 3.5 डिग्री सेल्सियस अधिक 43.3 डिग्री सेल्सियस हो गया।न्यूनतम तापमान में 0.2 डिग्री की कमी रही और यह सामान्य से 2.2 डिग्री अधिक 30.6 पर रहा। इस बीच 54 से 42 प्रतिशत के बीच आर्द्रता बनी रही।
इसके चलते दोपहर बाद ढाई बजे के आसपास आसमान में बादल दिखे और धूप कुछ समय के लिए नरम पड़ गई लेकिन यह कुछ मिनट ही रह सका। प्रो. श्रीवास्तव ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में एक निम्न वायुदाब का क्षेत्र बन रहा है, संभव है कि एक-दो दिन में वह आगे बढ़े और इस क्षेत्र में पहुंचे। ऐसा हुआ तो 14 जून से वातारण में परिवर्तन दिख सकता है और प्री-मानसूूनी वर्षा लिए बादल आ सकते हैं।
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