लौटता हुआ Monsoon पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दस दिनों से ठिठका, दोबारा भारी बारिश के संकेत
उत्तर प्रदेश में मानसून की सक्रियता अभी भी बनी हुई है जबकि वापसी का समय पूरा हो चुका है। मौसम विभाग के अनुसार यह गतिविधि 26 सितंबर से 6 अक्टूबर तक स्थिर रही। मानसून समय से पहले पूर्वांचल में प्रवेश कर गया था और अक्टूबर में रिकॉर्ड बारिश के बाद भी लौटने को तैयार नहीं है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। मानसून की वापसी का औसत समय पूरा होने के बाद भी उत्तर प्रदेश में मानसूनी सक्रियता लगातार बनी हुई है। सोमवार को भी मौसम विभाग ने मानसूनी सक्रियता के एक ही रेखा पर विगत दस दिनों यानी 26 सितंबर 2025 से छह अक्टूबर 2025 तक बने रहने की जानकारी जारी की है। मौसम विभाग ने इस संदर्भ में चार्ट जारी कर मानसूनी सक्रियता स्थिर रहने की बात कही है।
सोमवार का दिन छह अक्टूबर औसतन तो इस दिन तक मानसून पूर्वांचल में सोनभद्र के रास्ते उत्तर प्रदेश से विदा हो जाता है। लेकिन इस बार मानसून समय से दस दिन पूर्व ही पूर्वांचल की चौखट पर उत्तर प्रदेश में दाखिल हो गया जो वापसी के तय समय पांच अक्टूबर के पार होने के बाद भी अभी तक ठिठका हुआ है। इस बार रिकार्ड अक्टूबर माह में बारिश कराने के बाद भी मानसूनी मानो लौटने को तैयार नहीं है।
इस बार मानसूनी सत्र भी पूर्वांचल में लंबा चलने की उम्मीद है। माना जा रहा था कि पश्चिम से जिस प्रकार मानसून तेजी से वापस लौट रहा था वह जल्द ही पूर्वांचल में सोनभद्र के रास्ते लौट भी जाता। लेकिन पहाड़ों पर पश्चिमी विक्षोभ ही नहीं बल्कि पूर्वांचल के मैदानी इलाकों में आर्द्रता में लगातार हो रहा इजाफा मानसूनी सक्रियता को थाम दिया।
इसकी वजह से मानसून ठिठक गया तो पूर्वांचल में भी लगातार नवरात्र के अंतिम दिनों में मानसूनी बादलों ने विदायी के पूर्व झूमकर बारिश कराई है। वहीं मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि लोकल हीटिंंग का साथ मिलने पर मानसूनी बादल विदा होने के बाद दोबारा बूंदा- बांदी करा सकते हैं। वहीं भारी बारिश के बाद पूर्वांचल के तापमान में भी कमी आई है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मानसून दस दिनों से एक ही रेखा पर स्थिर बना होने की वजह से मध्य उत्तर प्रदेश में कानपुर और लखनऊ मंडल के साथ ही गोरखपुर, प्रयागराज, अयोध्या और वाराणसी सहित मीरजापुर मंडल में मानसूनी सक्रियता अभी भी बनी हुई है।
इसकी वजह से तय समय बीतने के बाद भी मानसूनी सक्रियता पूर्वांचल सहित अवध मध्य उत्तर प्रदेश को राहत दे रहा है। हालांकि लंबे समय सें मानसूनी सक्रियता होने से जहां बारिश होने पर खेतों में धान की फसल लोट जा रही है वहीं खेतों में पानी भरने से सब्जियों की पौध सड़ने की नौबत आ चुकी है।
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