वाराणसी में पति के साथ गृह प्रवेश के लिए जा रही महिला की नगर निगम के डंपर से कुचलकर मौत
वाराणसी के बच्छांव बाजार में नगर निगम के कूड़ा डंपर से कुचलकर एक महिला की मौत हो गई। महिला का पति और बेटी सुरक्षित हैं। घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दिया और मुआवजे की मांग की। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एमएलसी ने परिवार को आर्थिक मदद का आश्वासन दिया है।

पति और बेटी बाल-बाल बचे, आक्रोशित ग्रामीणों ने किया चक्काजाम।
जागरण संवाददाता, (रोहनिया) वाराणसी। थाना क्षेत्र के अखरी चौकी अंतर्गत बच्छांव बाजार में नगर निगम के कूड़ा डंपर की चपेट में आने से एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई। इस दुर्घटना में महिला का पति और छह वर्ष की बेटी बाल-बाल बच गए। घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों ने अखरी से चुनार मार्ग पर चक्काजाम कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन दो घंटे तक लोग नहीं माने। इसके बाद मृतक के पति ने रोहनिया पुलिस को लिखित तहरीर देकर नगर निगम से 30 लाख रुपए और बच्चों के भरण-पोषण की मांग की है।
खानपुर, सीखड़ जिला मीरजापुर के निवासी रत्नेश विश्वकर्मा बुधवार को अपनी पत्नी सरला विश्वकर्मा (30 वर्ष) और बेटी श्रुति (6 वर्ष) के साथ बाइक से खनांव स्थित अपने रिश्तेदार के यहां गृह प्रवेश के लिए जा रहे थे। बच्छांव बाजार के पास पहुंचने पर सामने से तेज रफ्तार में आ रहा नगर निगम का कूड़ा लदा डंपर उनकी बाइक में टकरा गया। इस टक्कर के बाद महिला पहिए के नीचे आ गई और कुचलकर मौत हो गई। पति और बेटी पटरी की तरफ गिर गए, जिन्हें मामूली चोटें आई हैं। घटनास्थल से मात्र 500 मीटर की दूरी पर रिश्तेदार का गृह प्रवेश होने के कारण वहां काफी संख्या में लोग तुरंत पहुंच गए।
महिला की मौत की सूचना पर ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने चक्काजाम कर दिया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस मार्ग पर डंपर और ट्रैक्टर अनियंत्रित और तेज रफ्तार से चलते हैं, जिसके कारण पहले भी कई लोगों की जान जा चुकी है। थाना प्रभारी निरीक्षक राजू सिंह और अखरी चौकी प्रभारी सौरभ सिंह ने किसी तरह स्वजनों को समझाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। मृतक के पति ने डंपर के खिलाफ तहरीर दी है।
मृतका के परिवार में एक छह वर्ष की बेटी और 10 वर्ष का बेटा आयुष है। इस घटना की सूचना पर एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा ने स्वजनों को आर्थिक मदद दिलाने का भरोसा दिया है। यह घटना न केवल एक परिवार के लिए दुखद है, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक गंभीर सुरक्षा मुद्दा भी है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में किसी और परिवार को इस तरह के दुख का सामना न करना पड़े।
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