यूपी हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड में वाराणसी तीसरे स्थान पर, अक्टूबर की उपलब्धि 71 प्रतिशत
वाराणसी ने उत्तर प्रदेश हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड में अक्टूबर माह में 71% स्कोर के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया है। प्रयागराज और पीलीभीत क्रमशः पहले और दूसरे स्थान पर रहे। वाराणसी ने सिजेरियन प्रसव, टीकाकरण और गर्भावस्था जांच जैसे 16 संकेतकों पर बेहतर प्रदर्शन किया है।

सीएमओ ने स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर जोर दिया और खराब प्रदर्शन करने वाले ब्लॉकों को सुधरने के निर्देश दिए।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। उत्तर प्रदेश की हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड में वाराणसी ने इस वर्ष अक्टूबर माह में 71 फीसदी स्कोर हासिल कर प्रदेश में तृतीय स्थान प्राप्त किया है। वहीं प्रयागराज 73 फीसदी के साथ प्रथम एवं पीलीभीत 72 फीसदी के दूसरे स्थान पर रहा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि हाल ही में प्रदेश की हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड नवम्बर 2025 में जारी की गई जिसमें सभी जनपदों की रैंकिंग प्रदर्शित की गई है, जिसमें वाराणसी तीसरे स्थान पर है। इस वित्तीय वर्ष में वाराणसी की अक्टूबर माह की उपलब्धि 71 प्रतिशत है। प्रदेश की अक्टूबर माह की उपलब्धि 60 प्रतिशत है।
इस तरह से देखा जाए तो वाराणसी की स्थिति प्रदेश की उपलब्धि से काफी बेहतर है। उन्होंने बताया कि मंथली हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड के अनुसार सिजेरियन प्रसव, नियमित व सम्पूर्ण टीकाकरण, परिवार नियोजन के स्थायी साधनों, गर्भावस्था में प्रसव पूर्व जांच (हीमोग्लोबिन), गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल, टीबी नोटिफिकेशन, गर्भावस्था के दौरान एचआईवी की जांच समेत 16 संकेतकों पर बेहतर प्रदर्शन किया है।
सीएमओ ने कहा कि जनपद के सभी राजकीय चिकित्सालयों, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, आयुष्मान आरोग्य मंदिर (हेल्थ एंड वेलनेस सेंट) एवं स्वास्थ्य उपकेन्द्रों पर मातृ-शिशु स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कार्यक्रम की गुणवत्तापूर्ण चिकित्सकीय व स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
इसके लिए उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) डॉ एचसी मौर्य और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) संतोष कुमार सिंह के सहयोगात्मक पर्यवेक्षण में टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया है।
सीएमओ ने बताया कि मंथली हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड में ब्लॉक स्तर पर आराजी लाइन सीएचसी को पहला, मिसिरपुर (काशी विद्यापीठ) सीएचसी को दूसरा, सेवापुरी पीएचसी को तीसरा, बड़ागांव पीएचसी को चौथा, चोलापुर सीएचसी को पाँचवाँ, पिंडरा पीएचसी को छठवाँ, हरहुआ पीएचसी को सातवाँ, चिरईगांव पीएचसी को आठवाँ और शहरी इकाई को नौवाँ स्थान मिला है। जिन ब्लॉक की स्थिति निराशाजनक है उन्हें कार्य के प्रति गंभीरता दिखाने के लिए निर्देशित किया गया है।

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