Updated: Mon, 02 Jun 2025 10:56 PM (IST)
वाराणसी-रांची-कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के पहले चरण में चंदौली के चार गांवों को जोड़ने के लिए सर्विस रोड बनेगी। एनएचएआई ने सर्वे शुरू करने के आदेश दिए हैं। 27 किमी के पहले पैकेज में 23 किमी चंदौली में बनेगा। राज्यसभा सदस्य साधना सिंह की अगुवाई में सर्विस लेन बनाने पर सहमति बनी। नवंबर 2026 तक कार्य पूरा होने की उम्मीद है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। वाराणसी-रांची-कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के पहले चरण का कार्य तीव्र गति से चल रहा है। इस परियोजना से चंदौली के चार गांवों को जोड़ने की सहमति बनी है, उनके लिए सर्विस रोड बनाई जाएगी। सर्वे शुरू करने के आदेश हुए हैं। तीन चरण में 90 किलोमीटर छह लेन सड़क बनाई जानी है, इसमें 27 किमी हिस्सा (पहला पैकेज) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की वाराणसी इकाई के जिम्मे है, जबकि 63 किमी कार्य सासाराम इकाई को करना है।
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पहले पैकेज में 23 किलोमीटर चंदौली जबकि करीब पांच किलोमीटर सड़क कैमूर में बनाई जानी है। यह कार्य रेवसा चंदौली से शुरू हुआ है, यहीं पर रिंग रोड खत्म हो रहा है। यह पैकेज खैती कैमूर तक स्वीकृत है। चंदौली में दो नदियां चंद्रप्रभा और गरई के आसपास बसे चार गांव बहेरा, खुरहुजा, चनहाटा और सिकंदरपुर में काफी वक्त से ग्रामीण सर्विस लेन बनाने की मांग कर रहे हैं। वह प्रकरण को लेकर आंदोलित हैं।
वह चाहते हैं कि उनका गांव सीधे तौर पर एक्सप्रेस-वे से जुड़े क्योंकि यह सभी गांव वर्षों से बाढ़ की त्रासदी झेलने को विवश हैं। सोमवार को राज्यसभा सदस्य साधना सिंह की अगुवाई में जिलाधिकारी चंदौली और एनएचएआइ के अफसरों की बैठक में इस गतिरोध को दूर करने पर सहमति बन गई। इन गांवों को जोड़ने के लिए सर्विस लेन के निर्माण की संभावना तलाशने के आदेश हुए। वृहद सर्वे किया जाएगा, उसके मुताबिक प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा जाएगा। सर्विस रोड की लंबाई और लागत का आकलन सर्वे के बाद ही पता चलेगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की सहमति के बाद सर्विस रोड बनाने की दिशा में कदम बढ़ेंगे। कोशिश होगी कि प्रकरण का स्थायी हल निकाला जाए।
एनएचएआई के परियोजना निदेशक पंकज मिश्रा ने बताया कि पहले पैकेज की परियोजना की पूरी जमीन खरीद ली गई है। कार्य तेजी से चल रहा है। सर्विस लेन बनाने के लिए प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा जाएगा।
नवंबर 2026 तक पूरा होगा कार्य, खत्म होगा शहर का लोड हरियाणा के गुरुग्राम की कंपनी एनकेसी प्राइवेट लिमिटेड ने छह माह पहले ही ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के पहले पैकेज का कार्य शुरू किया है। जमीन की सफाई और समतलीकरण का कार्य चल रहा है। कई जगह पर छोटे पुल बनाए जा रहे हैं। नवंबर 2026 तक कार्य पूर्ण होना है। रेवासा गांव में ही रिंग रोड खत्म हो रहा है, यहीं से ग्रीनफील्ड सड़क का निर्माण होने से कोलकाता तक दूरी कम समय पर तय की जा सकेगी। रविवार को गंगा पुल की एक लेन शुरू होने से रिंग रोड पर आवाजाही होने लगी है। गोरखपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, गाजीपुर, जौनपुर, प्रयागराज, लखनऊ व दिल्ली से आने वाले वाहन इसी रास्ते चंदौली होते हुए बिहार, झारखंड और बंगाल तक जा सकेंगे, उन्हें बनारस शहर में भी दाखिल नहीं होना पड़ेगा।
रेवासा और खैती गांव में ही होगी एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने-उतरने की सुविधा
वाराणसी इकाई को चंदौली में 160 हेक्टेयर जमीन मिल चुकी है। किसानों को 220 करोड़ रुपये मुआवजा दिया जा चुका है। 14 अंडरपास, दो फ्लाईओवर और कर्मनाशा नदी में एक पुल बनाया जाएगा। एक्सेस कंट्रोल तकनीक होने के कारण पहले चरण में सिर्फ दो इंटरचेंज बनाया जाएगा। यानी, रेवासा और खैती गांव में ही वाहनों को एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने और उतरने की सुविधा दी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 फरवरी 2024 को प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था। पहले पैकेज की लागत 994 करोड़ है, इसमें 40 प्रतिशत बजट केंद्र सरकार देगी जबकि 60 प्रतिशत धनराशि कंपनी को लगानी होगी। देवई गांव में एक टोल प्लाजा भी बनेगा।
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