21 घंटे में हुई 187 MM बारिश से BHU में बाढ़ जैसे हालात, पूर्वांचल में चली गई 4 लोगों की जान
वाराणसी में अभूतपूर्व वर्षा ने 125 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। बीएचयू क्षेत्र में 21 घंटे में 187 मिमी पानी गिरा निचले इलाकों में जलभराव हुआ। पूर्वांचल में भारी बारिश के कारण चार लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों बीघा फसल तबाह हो गई। मौसम विभाग के अनुसार अक्टूबर में एक दिन में सर्वाधिक वर्षा का 125 वर्ष पुराना रिकॉर्ड टूट गया।

जागरण टीम, वाराणसी । अभूतपूर्व वर्षा ने वाराणसी में 125 वर्षों का रिकार्ड तोड़ दिया। बीएचयू क्षेत्र में शुक्रवार सुबह 8:30 बजे से शनिवार भोर 5:30 बजे तक 21 घंटे में 187 मिमी पानी गिरा। इससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। शहर के निचले इलाकों में जलभराव होने से आवागमन अस्त-व्यस्त हो गया। बीएचयू अस्पताल और ट्रामा सेंटर परिसर में बाढ़ सा दृश्य दिखा।
अधिकांश डाक्टर अपने कक्ष तक नहीं पहुंच सके। पार्किंग में ओपीडी लगाकर मरीजों का इलाज किया। खराब मौसम को देखते हुए वाराणसी में स्कूलों में छुट्टी कर दी गई थी। पूर्वांचल में भारी बारिश के कारण चार लोगों की मौत हो गई। ये मौतें मीरजापुर, बलिया, चंदौली और सोनभद्र में छप्पर, पेड़- टिन शेड गिरने और वज्रपात की घटनाओं में हुईं।
सैकड़ों बीघा फसल हुई तबाह
सैकड़ों बीघा फसल तबाह हो गई। बलिया में तीन जगह रेलवे ट्रैक धंस जाने से ट्रेनों का छह घंटे तक आवागमन ठप रहा। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, 1889 से संग्रहित आंकड़ों के अनुसार वाराणसी में अक्टूबर माह में एक दिन में सर्वाधिक वर्षा का रिकार्ड 125 वर्ष पूर्व नौ अक्टूबर सन् 1900 को बना था जब बीएचयू क्षेत्र में 138.8 मिली मीटर वर्षा हुई थी।
बारिश के कई रिकॉर्ड टूटे
इस बार तीन अक्टूबर को हुई वर्षा ने उस रिकार्ड को ध्वस्त कर दिया। जनपद में एक से चार अक्टूबर के बीच इन चार दिनों में सामान्यतया नौ मिलीमीटर वर्षा होती है लेकिन इस बार अब तक 152.2 मिली मीटर वर्षा हो चुकी है, जो औसत वर्षा की अपेक्षा 1591 प्रतिशत अधिक है।
बंगाल की खाड़ी में बने निम्न अवदाब के कारण पूर्वी उत्तर प्रदेश तक पहुंचने पर संपूर्ण क्षेत्र में आसमान में घनघोर बादल छाए हैं, रुक-रुक कर हल्की वर्षा का क्रम जारी है।
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