Varanasi News: प्रभु जगन्नाथ रथ के पूजन से रथयात्रा मेले की शुरुआत, 15 दिन पूर्व प्रभु करते हैं विश्राम
अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर भगवान जगन्नाथ के रथयात्रा के रथ की विधिवत पूजा और आरती करके काशी में रथयात्रा की औपचारिक शुरुआत रविवार को हो गई। असि स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर में शास्त्र सम्मत विधि विधान से भगवान जगन्नाथ की पूजन व आरती की गई।

जागरण संवाददाता, वाराणसी : अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर भगवान जगन्नाथ के रथयात्रा के रथ की विधिवत पूजा और आरती करके काशी में रथयात्रा की औपचारिक शुरुआत रविवार को हो गई। असि स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर में शास्त्र सम्मत विधि विधान से भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा का पूजन कर सिगरा स्थित शहीद उद्यान में रखे इस रथ का पूजन व आरती की गई।
ट्रस्ट श्री जगन्नाथ जी के तत्वावधान में आयोजित पूजन-अर्चन का आरंभ जगन्नाथ मंदिर के पुजारी राधेश्याम पांडेय ने तीनों विग्रहों की मंगला आरती के पश्चात सुबह 10 बजे मंदिर स्थित तेजोमय ब्रह्मचारी के समाधि की पूजा की। उसके बाद अपराह्न तीन बजे मंदिर खुलने के बाद पुजारी राधेश्याम पांडेय ने सिगरा स्थित रथ की षोडशोपचार पूजन के बाद आरती उतारी।
ट्रस्टी आलोक शापुरी के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन रथ पूजन की परंपरा का अलग महत्व है। भगवान जगन्नाथ के बड़े भाई बलभद्र कृषि के देवता माने जाते हैं। इसलिए उनके हाथ पर अन्य देवताओं से अलग कृषि यंत्र हल और मूसल होता है। अक्षय तृतीया के दिन से ही ओडिशा में कृषि भूमि का कर्षण आरंभ होता है।
चूंकि भगवान जगन्नाथ का रथ वृक्षों से निर्मित किया जाता है इसलिए इस दिन ही वृक्ष पूजन के संदर्भ में रथ का वार्षिक पूजन किया जाता है। इस दौरान ट्रस्ट के दीपक शापुरी व आलोक शापुरी समेत अन्य ट्रस्टी उपस्थित थे।
प्रभु अस्वस्थ होकर 15 दिन करते हैं विश्राम
असि स्थित जगन्नाथ मंदिर में जेष्ठ शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को प्रभु जगन्नाथ के विग्रह को भक्त जन पूरा दिन व देर रात्रि तक स्नान कराते हैं। इस कारण वे बीमार होकर विश्राम करने अज्ञातवास पर 15 दिनों तक चले जाते हैं। इस दौरान मंदिर का कपाट बंद रहता है और प्रभु जगन्नाथ को काढ़े का भोग लगाकर भक्तों में वितरित किया जाता है। यह क्रम आषाढ़ अमावस्या तक चलता है। फिर आषाढ़ शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को मंदिर का पट भोर में खुलता है। अगले दिन आषाढ़ शुक्ल पक्ष द्वितीया भोर से काशी का तीन दिवसीय लक्खा रथयात्रा मेला शुरू हो जाता है।
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