वाराणसी में नाबालिग मां को चंद घंटे में अस्पताल से लौटाने की जांच करेगी चार सदस्यीय टीम, पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा
वाराणसी में 15 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता को जन्म के बाद अस्पताल से भेजने के मामले की जांच के लिए टीम गठित की गई है। परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया है। अस्पताल का कहना है कि सामान्य प्रसव के बाद 48 घंटे तक जच्चा-बच्चा को अस्पताल में रखना अनिवार्य है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। महज 15 साल की उम्र में मां बनी सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को चंद घंटे में अस्पताल से वापस भेजने के मामले की जांच चार सदस्यीय टीम करेगी। अस्पताल के प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डा. आरएस राम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बुधवार को डा. गोविंद प्रसाद, डा. प्रेम प्रकाश, डा. आरती दिव्या और डा. आरके यादव की टीम गठित की है।
पीड़िता की मौसी ने आरोप लगाया था कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय महिला अस्पताल में मां बनी दुष्कर्म पीड़िता व उसके बच्चे को लाया गया लेकिन उचित चिकित्सीय सुविधा नहीं दी गई। उसे वार्ड में बेड पर थोड़ी देर तक लिटाने के बाद डाक्टर और स्टाफ नर्स ने कहा, बच्चा रास्ते या जहां भी हुआ है अच्छे से हो गया। यहां रखकर क्या करेंगे, आप लोग घर ले जा सकते हैं। लगभग दो घंटे बाद कुछ दवाएं देकर घर भेज दिया।
स्वजन का कहना है कि नाबालिग होने और सामूहिक दुष्कर्म जैसे गंभीर मामले के बावजूद पीड़िता और नवजात के देखभाल का इंतजाम नहीं किया गया।
पं. दीनदयाल उपाध्याय महिला अस्पताल के नोडल अधिकारी आरके सिंह का कहना है कि सामान्य प्रसव के बाद 48 घंटे तक जच्चा-बच्चा को अस्पताल में रखना अनिवार्य है। वहीं सीएमएस ने कहा कि जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर मामले में दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।
बीते सोमवार को प्रसव पीड़ा शुरू होने पर पीड़िता के स्वजन ने एंबुलेंस के लिए काल किया था लेकिन आधे घंटे तक कोई मदद नहीं मिली। मजबूरन आटो से पीड़िता को अस्पताल ले जाया गया। रास्ते में ही उसने एक बेटी को जन्म दिया। पास के एक निजी क्लिनिक में नाल काटकर प्राथमिक उपचार के बाद उसे पंडित दीनदयाल उपाध्याय महिला अस्पताल पहुंचाया गया।
सीएमओ को नहीं पता कहां है पीड़िता
सीएमओ डा. संदीप चौधरी से पूछा को जानकारी नहीं है कि दुष्कर्म पीड़िता कहां और किल हाल में है। इस मामले में उसने जानकारी के लिए फोन किया गया तो उन्होंने बताया कि पीड़िता जिला अस्पताल में भर्ती है जबकि सोमवार को ही नाबालिग पीड़िता को अस्पताल में कुछ दवाएं देकर घर भेज दिया गया था।
दुष्कर्म पीड़िता की सुरक्षा में पुलिस तैनात
नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता के प्रसव के समय फोन करने पर भी सहयोग नहीं करने वाले पुलिसकर्मियों की जांच शुरू हो गई है। इसके साथ ही दुष्कर्म पीड़िता की सुरक्षा में दो हेड कांस्टेबल और एक महिला कांस्टेबल को तैनात किया गया है। किशोरी अपनी बच्ची के साथ अपने मामा के घर रह रही है। बुद्धवार को एडीसीपी वरुणा नीतू, एसीपी सारनाथ विजय प्रताप सिंह ने पीड़िता से मिलकर उसका हाल जाना और मदद का भरोसा दिया। नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। चार आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है।
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