Varanasi News: सदर इमामबाड़े में निकला पहला जुलूस, गूंंजी लब्बैक या हुसैन की सदाएं
पहली मोहर्रम (Muharram procession) पर वाराणसी में गम ए हुसैन का जुलूस निकाला गया। सदर इमामबाड़े से शुरू हुए इस जुलूस में लोगों ने नौहा मातम किया। ईरान के समर्थन और अमेरिका-इजराइल के विरोध में नारे लगे। अंजुमनों ने कलाम पेश किए। दूसरी मोहर्रम को शिवपुर में भी जुलूस निकाला जाएगा।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। पहली मोहर्रम 1447 हिजरी शुक्रवार को गम ए हुसैन का सिलसिला शुरू हो गया। सदर इमामबाड़े से पहला जुलूस अलम और दुलदुल का निकाला गया।
जुलूस के संयोजक हाजी फरमान हैदर ने बताया कि जुलूस में शहर भर से बच्चे, जवान, बुजुर्गों ने जियारत और बरसात के बीच नौहा मातम करते हुए इमामबाड़े पहुंचे। मुतवल्ली सज्जाद अली गुज्जन की निगरानी जुलूस आगे बढ़ा।
राहिब अली तबलीगी ने मजलिस को खिताब किया। कई अंजुमनों ने सामूहिक रूप से नोहाख्वानी और मातम किया। इसमेें सज्जादिया, आबिदीया, हुसैनिया, नसीरूल मोमिनीन, हाशिमिया, सदाए अब्बास, सज्जाद अली और अतश बनारसी ने कलाम भी पेश किए।
जाफर इमाम, फैजी नकवी, अलमदार हुसैन, शब्बीर हुसैन के अलावा दोषीपुरा, पठानी टोला, कच्ची बाग आदि क्षेत्र के मोमिनीन, रिजवान अलमदार, वगैरह शामिल रहे। फरमान हैदर ने सोजख्वानी की। जुलूस मे ईरान के समर्थन तथा अमरीका और इजराइल के विरोध में नारे भी बुलंद हुए।
लब्बैक या हुसैन की सदाएं फिजा गूंजती रहीं। दूसरी मोहर्रम को शिवपुर में अंजुमन पंजीतानी के जेरे इंतजाम दुलदुल और अलम का कदीमी जुलूस उठाया जाएगा जिसमें बनारस के अलावा दूसरे शहर की अंजुमने भी हिस्सा लेंगी।
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