वाराणसी में टोल प्लाजा के टेंडर के नाम पर 60 लाख की धोखाधड़ी, मुकदमा दर्ज
वाराणसी जिले में सारनाथ पुलिस ने एक व्यक्ति के खिलाफ टोल प्लाजा टेंडर के नाम पर 60 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। न्यायालय के आदेश पर हुई इस कार्रवाई में अभय कुमार यादव नामक व्यक्ति को शिव गोपाल यादव ने फर्जी टेंडर का झांसा देकर ठगा।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। सारनाथ पुलिस ने एक व्यक्ति के खिलाफ टोल प्लाजा टेंडर के नाम पर 60 लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले में मुकदमा दर्ज किया है। यह कार्रवाई न्यायालय के आदेश पर की गई है। बताया कि जल्द ही आरोपित पुलिस हिरासत में होगा।
जानकारी के अनुसार, गोला धरिकला, शादियाबाद गाजीपुर के निवासी अभय कुमार यादव सारनाथ के लेदुपुर में एक मकान बनवाकर रहते हैं। अभय का दोस्त शिव गोपाल यादव, जो रमचन्दीपुर चौबेपुर का निवासी है, ने दोस्ती का लाभ उठाते हुए अभय को टेंडर में पार्टनरशिप का झांसा दिया। शिव गोपाल ने एक फर्जी कंपनी, परमहंस ब्रिक्स फील्ड कम्पनी, का निर्माण कर ठेकेदारी का काम करने का विश्वास दिलाया।
इसके बाद, शिव गोपाल यादव ने अभय को वाराणसी से गाजीपुर मार्ग पर कैथी टोल प्लाजा पर पथकर वसूली का टेंडर निकलने का आश्वासन दिया। इस विश्वास के चलते अभय ने 28 दिसम्बर 2020 को ए. एम. ज्वेलर्स एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी के खाते में कई बार में कुल 60,25,000 रुपये जमा कराए।
जब अभय को यह पता चला कि शिव गोपाल द्वारा दिखाया गया टेंडर नम्बर फर्जी था, तो उसने पैसे की मांग की। इस पर शिव गोपाल ने हीलाहवाली शुरू कर दी। दो वर्ष बाद, 1 अप्रैल 2025 को शिव गोपाल अभय के घर लेदुपुर पहुंचा और अभय को जान से मारने की धमकी दी। स्थानीय थाने में शिकायत करने पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसके बाद अभय ने न्यायालय का सहारा लिया।
न्यायालय के आदेश पर सारनाथ पुलिस ने धोखाधड़ी और कूटरचना का मामला दर्ज किया। यह घटना न केवल अभय के लिए बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है कि कैसे कुछ लोग दोस्ती का लाभ उठाकर धोखाधड़ी कर सकते हैं।
इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। अभय कुमार यादव ने न्यायालय के माध्यम से न्याय की उम्मीद जताई है। यह मामला इस बात का भी संकेत है कि समाज में ऐसे धोखेबाजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
सारनाथ पुलिस की यह कार्रवाई इस बात का प्रमाण है कि कानून सभी के लिए समान है और धोखाधड़ी करने वालों को सजा मिलनी चाहिए। इस प्रकार के मामलों में जागरूकता और सतर्कता आवश्यक है, ताकि लोग ऐसे धोखाधड़ी के मामलों से बच सकें।
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