होटल बनारस कोठी और रिवर पैलेस पर हर्जाना, अभी फिलहाल कैंट पुलिस की अभिरक्षा में है होटल
वाराणसी के छावनी क्षेत्र में अवैध रूप से बने होटल बनारस कोठी और रिवर पैलेस को वाराणसी विकास प्राधिकरण ने आंशिक रूप से तोड़ा था। बाकी अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए नोटिस दिया गया था पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। वीडीए ने होटल मालिक से ध्वस्तीकरण खर्च के रूप में 4 लाख से अधिक का हर्जाना मांगा है।

जेपी पांडेय, जागरण वाराणसी। छावनी क्षेत्र के बुद्ध विहार कालोनी में अवैध तरीके से बने होटल बनारस कोठी और रिवर पैलेस को पिछले साल वाराणसी विकास प्राधिकरण ने कार्रवाई करते हुए अंदर से क्षतिग्रस्त कर दिया था। वीडीए ने शेष अवैध निर्माण को एक महीने के अंदर तोड़ने के लिए होटल मालिक को जारी किया था नोटिस।
दोनों अवैध होटल को न तो विकास प्राधिकरण ने तोड़ा और न ही होटल मालिक ने। पत्राचारों के बीच पिछले साल क्षतिग्रस्त किए गए दोनों होटल में आए खर्च राशि को वसूलने के लिए वीडीए ने होटल मालिक मोहम्मद जाफर अली खां को चार लाख छह हजार 666 रुपये हर्जाना जमा करने को कहा। फिर भी जमा नहीं करने पर वीडीए ने जिलाधिकारी को वसूली कराने के लिए पत्र लिखा है। वहीं, शेष निर्माण विकास प्राधिकरण कब तोड़ेगा यह सवाल बनकर रह गया है। आखिर किसके आदेश का इंतजार है।
पिछले साल जुलाई में भारी विरोध के बीच वाराणसी विकास प्राधिकरण ने अवैध होटल बनारस कोठी और रिवर पैलेस पर पांच घंटे तोड़ने की कार्रवाई की। एक-एक कमरे का दरवाजा, खिड़की और बाथरूम तोड़ने के साथ अंदर के डिजाइन को हथौड़े से तोड़ दिया था। 30 से अधिक मजदूर पांच घंटे तक हथौड़े और हैमर मशीन से तोड़ते रहे। बुलडोजर से बाहरी हिस्सा क्षतिग्रस्त करने के साथ वीडीए ने दोनों होटल को सील कर दिया। साथ ही कैंट पुलिस अभिरक्षा में सौंप दिया था।
कार्रवाई के दौरान वीडीए के 120 कर्मी, 150 से अधिक पुलिस कर्मी, अपर जिलाधिकारी नगर आलोक कुमार वर्मा समेत कई अफसर मौजूद रहे। इस दौरान वीडीए उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग और सचिव डा. वीपी मिश्रा भी रहे। उस दौरान कार्रवाई देखकर लग रहा था कि जल्द ही दोनों होटल दिखाई नहीं देंगे लेकिन उस दिन के बाद से वीडीए ने एक बार भी कार्रवाई नहीं की। यह जरूर रहा है कि होटल से सटे बैंक्वेट हाल को तोड़ दिया। इस बारे में जिम्मेदार जोनल अधिकारी शिवाजी मिश्रा का कहना है कि उच्च अधिकारियों के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल हर्जाना राशि वसूलने की कार्रवाई चल रही है।
एक नजर में : बनारस काेठी l
- ध्वस्तीकरण आदेश के खिलाफ मंडलायुक्त कोर्ट में अपील, 26 फरवरी-2016 को निरस्त l
- मंडलायुक्त फैसले के खिलाफ शासन में की अपील, 11 दिसंबर-2018 को निरस्त l
- शासन के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में की अपील, 29 मार्च-2019 को अपील खारिज l
- संचालक ने होटल में ठहरे पर्यटकों को उकसा कर आगजनी कराने में वर्ष-2018 में केस l
- होटल बनारस कोठी और रिवर पैलेश का 19 जुलाई-2024 का काटा गया बिजली कनेक्शन l
- होटल संचालक के खिलाफ वीडीए ने 21 जुलाई-2024 को कैंट थाने में दर्ज कराया मुकदमा होटल रिवर पैलेस l
- मोहम्मद जाफर अली खां ने भूखंड संख्या 21 पर 209 वर्ग मीटर में तीन मई-2099 में तीन मंजिल का पास कराया था आवासीय नक्शा l
- भूखंड संख्या 21, 21-1, 22, 23 और 24 को एक कर बनाया होटल रिवर पैलेस l
- 10 दिसंबर-2099 वीडीए ने जारी किया था नोटिस, 18 मार्च-2005 को किया सील l
- सेट बैक कवर करने, वरुणा नदी में छह मंजिल निर्माण करने पर सात दिसंबर-2016 को ध्वस्तीकरण का आदेश।
- मंडलायुक्त कोर्ट से शमन मानचित्र दाखिल करने पर 20 फरवरी-2019 को अस्वीकृत l
- मंडलायुक्त फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में की अपील, 29 मार्च-2019 को खारिज।
यह था पूरा निर्माण
बुद्ध विहार कालोनी में मोहम्मद जाफर अली खां ने भूखंड संख्या 20 पर 142.88 वर्ग मीटर में दो मार्च- 2012 आवासीय नक्शा तीन मंजिल का पास करा रखा था लेकिन पास के भूखंड संख्या 18 व 19 को जोड़कर छह मंजिल अवैध होटल बनारस कोठी बना रखा था। अवैध निर्माण पर भवन स्वामी को छह फरवरी-2015 नोटिस जारी कर सुनवाई का अवसर दिया गया था। वीडीए ने 13 फरवरी-2015 को सील कर दिया। भवन स्वामी ने सेटबैक कवर करते हुए वरुणा नदी के किनारे ग्रीन बेल्ट (डूब क्षेत्र में) निर्माण किया था, ऐसे में वीडीए ने दो फरवरी-2016 को ध्वस्तीकरण का आदेश पारित किया था। इसी प्रकार रिवर पैलेश में मानचित्र के विपरीत निर्माण था।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।