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    बाबा के दर्शन के बाद सीधे गंगा आरती में जाएं, काशी विश्वनाथ धाम- दशाश्वमेध घाट को जोड़ेगा नया Pathway

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 07:29 AM (IST)

    वाराणसी में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम से दशाश्वमेध घाट तक गंगा घाट पाथवे का निर्माण प्रस्तावित है। 46 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस पाथवे का उद्देश्य श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए गंगा घाटों तक पहुंच को सुगम बनाना है। पाथवे के किनारे रेलिंग लगाई जाएगी और बैठने के लिए स्थान भी बनाए जाएंगे। इससे वाराणसी आने वाले पर्यटकों को गंगा के सौंदर्य का अनुभव करने में आसानी होगी।

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    श्रीकाशी विश्वनाथ दर्शन व गंगा आरती को जोड़ेगा घाट पाथवे।

    जेपी पांडेय, वाराणसी। काशी की पहचान बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ और मां गंगा के पावन संगम से है। देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु और पर्यटक गंगा में पुण्य की डुबकी लगाने, बाबा विश्वनाथ का दर्शन-पूजन करने और दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्वप्रसिद्ध गंगा आरती में शामिल होने के लिए आते हैं।

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    दशाश्वमेध घाट न केवल स्नान के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण है, बल्कि यहां की गंगा आरती भी अपनी भव्यता और आध्यात्मिकता के लिए ख्यात है। इस अनुभव को और सुगम व आकर्षक बनाने के लिए श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार से दशाश्वमेध घाट तक गंगा घाट पाथवे का निर्माण प्रस्तावित है। इस परियोजना की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड (यूपीपीसीएल) को सौंपी गई है।

    यूपीपीसीएल द्वारा तैयार प्रस्ताव को पर्यटन विभाग के माध्यम से शासन को भेजा गया था, जिसके लिए 46 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। शासन ने इस राशि के साथ जल्द से जल्द टेंडर प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं। परियोजना के तहत श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर से ललिताघाट, मीर घाट, त्रिपुरा भैरवी, मान मंदिर महल, राजेंद्र प्रसाद घाट होते हुए दशाश्वमेध घाट तक पाथवे विकसित किया जाएगा।

    दशाश्वमेध से गंगा द्वार तक घाट ऊंचे-नीचे बने हैं। इन्हें रैम बनाकर जोड़ा जाएगा। इसकी ऊंचाई इस तरह रखी जाएगी कि गंगा में बाढ़ के दौरान दशाश्वमेध घाट पर आरती स्थल डूबने के बाद ही पाथवे पर आवागमन प्रभावित होगा। पाथवे की चौड़ाई चार मीटर होगी और किनारे रेलिंग भी लगाई जाएगी।

    श्रद्धालु और पर्यटक यहां से गंगा की मनोरम छटा का आनंद ले सकेंगे। पर्यटन विभाग ने इस परियोजना के लिए 6.16 करोड़ रुपये की अतिरिक्त स्वीकृति दी है और 2.5 करोड़ रुपये की टोकन मनी जारी कर दी है। गंगा में बाढ़ का पानी कम होने के बाद यूपीपीसीएल टेंडर प्रक्रिया शुरू करेगा, जिससे निर्माण कार्य जल्द शुरू हो सके।

    यूपीपीसीएल के प्रोजेक्ट मैनेजर मानवेंद्र सिंह ने बताया कि यह परियोजना घाटों की पहचान को बनाए रखते हुए उनके बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगी। संयुक्त निदेशक, पर्यटन दिनेश कुमार ने कहा कि यह पाथवे लोगों के आवागमन न सिर्फ आसान बनाएगा, सैलानी गंगा की सुंदरता को भी करीब से निहार सकेंगे।

    यह कार्य भी कराए जाएंगे

    • घाटों की सीढ़ियों को सुगम और सुरक्षित बनाया जाएगा, ताकि बुजुर्गों और बच्चों को असुविधा न हो
    • घाटों के ऐतिहासिक-सांस्कृतिक महत्व को बताने के लिए पत्थर के खंभे व दिशात्मक साइनेज लगाए जाएंगे
    • लोगों के बैठने के लिए स्थान, विक्रेता गाड़ियों के लिए प्लेटफार्म और मौजूदा डेक की मरम्मत कराई जाएगी
    • घाटों के किनारे विश्राम स्थलों के रूप में छतरियां लगाई जाएंगी
    • घाटों पर स्थित मंदिरों, स्मारकों के लिए आकर्षक प्रकाश व्यवस्था और पौधारोपण