Varanasi News: श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में टिकट के नाम पर फर्जीवाड़ा, 4 के खिलाफ दर्ज कराई गई रिपोर्ट
Varanasi News श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में मंगला आरती सुगम दर्शन समेत अन्य टिकटों के नाम पर फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। एक ही टिकट को स्कैन कर फर्जी टिकट तैयार करके कई दर्शनार्थियों को बेचा जा रहा था।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में मंगला आरती, सुगम दर्शन समेत अन्य टिकटों के नाम पर फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। एक ही टिकट को स्कैन कर फर्जी टिकट तैयार करके कई दर्शनार्थियों को बेचा जा रहा था। इसका राजफाश मंदिर प्रशासन की ओर से तैयार कराए गए मोबाइल एप के जरिए हुआ। चौक पुलिस ने इस मामले में चार आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
जांच के दायरे में कुछ दुकानदार
मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा के अनुसार फर्जीवाड़े में हेल्पडेस्क के एक कर्मचारी के भी शामिल होने की आशंका है। मंदिर के आसपास मौजूद रहने वाले कुछ दुकानदार व दलाल भी जांच के दायरे में हैं। फर्जीवाड़े की जानकारी कमिश्नर, पुलिस कमिश्नर, जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को दी गई है।
कुछ दिनों से मंदिर के अधिकारियों को फर्जी टिकट से दर्शन कराने के मामले की जानकारी मिल रही थी। हेल्प डेस्क से आनलाइन व आफलाइन दोनों तरह से टिकट की बिक्री होने की वजह से यह पकड़ पाना मुश्किल हो रहा था। इसे रोकने के लिए मंदिर प्रशासन एवं डीसीपी सुरक्षा की टीम की ओर से संयुक्त प्रयास किया गया।
इनके खिलाफ है फर्जीवाड़ा करने का आरोप
- खोवा गली का शुभम पांडे
- बड़ी पटिया का अरुण पांडे
- शिवाला का इरफान हैदर
- सोनारपुरा का शुभम अधिकारी
ऐसे पकड़ा गया मामला
मंदिर प्रशासन की ओर से आइटी विशेषज्ञों की मदद से एक विशेष मोबाइल एप तैयार कराया गया। उसे टिकट चेक करने वाले कुछ खास कर्मचारियों के मोबाइल में ही डाउनलोड कराया गया था। एप के जरिए टिकटों पर मौजूद बार कोड को स्कैन करने पर पूरी जानकारी मोबाइल में आ जाती है।
एक बार कोई टिकट स्कैन हो गया तो दोबारा उसे स्कैन करने पर इनवैलिड टिकट बताने लगता है। इस एप के जरिए ही मंगलवार को जानकारी मिली कि एक ही टिकट से एक ही समय में अलग-अलग प्रवेश द्वारों से दर्शनार्थियों को प्रवेश कराया जा रहा है। इस आधार पर मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी के निर्देश पर हेल्प डेस्क प्रभारी ने चौक थाने में एक तहरीर दी है।
ऐसे तैयार करते हैं फर्जी टिकट
जांच में पता चला कि हेल्प डेस्क से जारी होने वाले टिकट को स्कैन करके उसे एडिट कर दिया जाता था। इस तरह हूबहू टिकट तैयार हो जाता था। दो दर्शनार्थियों को मिलने वाले टिकट के खर्च पर चार लोगों तक पहुंच जाता था। इससे राजस्व की क्षति के साथ ही मंदिर में भीड़ बढ़ने से अव्यवस्था भी होती थी।
पहले भी आए फर्जीवाड़ा के मामले
-अक्टूबर 2018 में बाबा विश्वनाथ मंदिर में अनुष्ठान के नाम पर ठगी का मामला सामने आया था। कुछ लोगों को फोन करके विशेष अनुष्ठान के नाम पर रुपये मांगे गए थे।
- सितंबर 2021 में काशी विश्वनाथ कारीडोर में दुकान दिलाने के नाम पर तीन लोगों को 70 लाख रुपये की ठगी का शिकायत मिली थी। इसके लिए इंटरनेट मीडिया का सहारा लिया गया था। इस मामले में मंदिर प्रशासन की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था।
- जुलाई 2022 में दिल्ली के एक व्यक्ति ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर शिकायत किया था कि दर्शन कराने के नाम पर उनसे ठगा गया है। इसकी जांच के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से पत्र एसीपी दशाश्वमेध के पास पत्र आया था।
-मार्च 2023 में बाबा विश्वनाथ के स्पर्श दर्शन के लिए शुल्क लेने की शिकायत सामने आई थी।
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