वाराणसी में विदेश सचिव ने मॉरीशस के पीएम से की मुलाकात, आपसी साझेदारी पर हुई चर्चा
वाराणसी में ताज होटल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक से पहले विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने बहुआयामी साझेदारी पर चर्चा की। उन्होंने साझा इतिहास संस्कृति और लोगों के बीच संबंधों के आधार पर रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। काशी में ताज होटल में पीएम नरेन्द्र मोदी संग मुलाकात के पूर्व भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मॉरीशस के पीएम डा. नवीनचंद्र रामगुलाम से मुलाकात की। इस दौरान दोनों के बीच पारस्परिक संबंधों को लेकर भी विमर्श हुआ।
इस दौरान दोनों के बीच बहुआयामी साझेदारी पर चर्चा हुई। वहीं आपसी साझा इतिहास, संस्कृति और लोगों से लोगों के संबंधों पर आधारित उन्नत रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने में प्रतिबद्धता की पुष्टि भी हुई। विदेश मंत्रालय भारत सरकार की ओर से प्रवक्तता रणधीर जायसवाल ने इस बाबत गुरुवार को एक्स हैंडल पर पोस्ट कर आधिकारिक जानकारी साझा की।
वाराणसी में गुरुवार की सुबह मारीशस के प्रधानमंत्री डा. नवीनचंद्र रामगुलाम से विदेश सचिव विक्रम मिस्री भी होटल ताज में मुलाकात करने पहुंचे। द्विपक्षीय वार्ता के पूर्व आपस में बहुआयामी साझेदारी पर विदेश सचिव और मॉरीशस के पीएम डा. नवीनचंद्र रामगुलाम ने चर्चा की। इस दौरान दोनों के बीच दोनों देशों के साझा इतिहास, संस्कृति और आपसी संबंधों पर आधारित उन्नत तौर पर आपसी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने में प्रतिबद्धता की पुष्टि की। बताया कि सदियों पुराने दोनों देशों के सबंधों को और भी बेहतर बनाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। दोनों देशों के बीच आपसी भाषायी एकरूपता के संबंधों से लेकर कारोबारी स्थितियों को लेकर भी मंथन किया गया।
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काशी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मोदी व मारीशस के पीएम डा. नवीनचंद्र रामगुलाम की अगुवाई में हुई द्विपक्षीय वार्ता दोनो देशों के पुरातन रिश्ते की डोर को मजबूत करेगी। इसमें सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा संग विकास साझेदारी और क्षमता निर्माण पर बल दिया गया। स्वास्थ्य, शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, बुनियादी ढांचे के साथ-साथ नवीकरणीय ऊर्जा, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना और नीली अर्थव्यवस्था जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के अवसरों पर मंथन किया जाना प्रस्तावित है।
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