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    Moon Eclipse: एक पखवारे में लगेंगे दो ग्रहण, सिर्फ खग्रास चंद्रग्रहण ही आंखों से दिखेगा; क्यों है खास?

    Chandragrahan News | UP News | Moon Eclipse | Moon Eclipse in India | इस साल का पहला चंद्रग्रहण 7 सितंबर को पितृपक्ष की पूर्व रात्रि में दिखाई देगा। इससे पहले 28 अक्टूबर 2023 को खग्रास चंद्रग्रहण दिखा था। ज्योतिषाचार्य के अनुसार ग्रहण रात 9.57 बजे शुरू होगा और 1.27 बजे समाप्त होगा। ग्रहण के दौरान धार्मिक कार्य करना शुभ माना गया है।

    By pramod kumar Edited By: Sakshi Gupta Updated: Sat, 23 Aug 2025 09:58 PM (IST)
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    एक पखवारे में लगेंगे दो ग्रहण, सिर्फ खग्रास चंद्रग्रहण होगा दृश्य।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। देश में साल का पहला और आखिरी चंद्रग्रहण भाद्रपद मास की पूर्णिमा में सात सितंबर रविवार को पितृपक्ष की पूर्व रात्रि में दृश्य होगा। इससे पहले भारत में खग्रास चंद्रग्रहण आश्विन पूर्णिमा 28 अक्टूबर 2023 को देखा गया था।

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    वर्ष 2024 में देश में कोई ग्रहण नहीं दिखा। अत: लंबे अंतराल के बाद भारत में चंद्रग्रहण देखा जाएगा जो स्पर्श से लेकर मोक्ष तक संपूर्ण भारत में देखा जाएगा। वहीं सर्वपैत्री अमावस्या (पितृ विसर्जन) पर 21 सितंबर को लग रहा है जो भारत में दृश्य नहीं होगा। शास्त्रीय विधान अनुसार यहां दृश्य न होने से इसका यहां कोई प्रभाव नहीं होगा।

    ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी के अनुसार भारतीय मानक समय अनुसार सात सितंबर को चंद्र ग्रहण का आरंभ रात 9.57 बजे, मध्य रात 11.41 बजे और मोक्ष रात 1.27 बजे होगा। ग्रहण का स्पर्श, मध्य, मोक्ष संपूर्ण देश में दृश्य होगा। यह ग्रहण शतभिषा नक्षत्र तथा कुंभ राशि पर होगा।

    भारत के अतिरिक्त पश्चिमी प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, पूर्वी अटलांटिक महासागर, अंटार्कटिका, एशिया, आस्ट्रेलिया, यूरोप आदि में इसे देखा जा सकेगा।

    ग्रहण के सूतक काल के बारे में शास्त्रों में कहा गया है कि चंद्रग्रहण में ग्रहण से पूर्व नौ घंटे व सूर्यग्रहण में 12 घंटे पहले सूतक लग जाता है। यह सूतक काल बाल, वृद्ध, रोगी को छोड़ कर अन्य लोगों के लिए खानपान वर्जित बताया गया है।

    सात सितंबर को खग्रास चंद्रग्रहण से पूर्व 1.57 बजे सूतक काल लग जाएगा। ग्रहण काल में शास्त्रीय वचन अनुसार भोजन निवृत्ति के साथ धार्मिक कृत्य श्राद्ध, दान आदि करना चाहिए। ग्रहण में जपा गया मंत्र सिद्धप्रद होता है।