देशभर में शुरू हुआ ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’, 1.5 करोड़ किसानों तक पहुंचेंगी 2000 टीमें
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के आह्वान पर वाराणसी में विकसित कृषि संकल्प अभियान शुरू हुआ। कृषि विज्ञानी 15 दिनों तक किसानों को नवाचारों और स ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, वाराणसी। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के आह्वान पर गुरुवार से पूरे देश में एक साथ ''''विकसित कृषि संकल्प अभियान'''' आरंभ हो रहा है। 12 जून यानी 15 दिनों तक चलने वाले इस अभियान में कृषि विज्ञानियों की 2000 टीमें देश के 700 जिलों के लगभग 1.5 करोड़ किसानों के बीच पहुंचेंगी।
इन टीमाें में कृषि विज्ञानियों के अतिरिक्त कृषि से जुडें विभागो, शोध संस्थानों के अधिकारियों, तकनीकी विशेषज्ञों सहित प्रगतिशील किसान भी सम्मिलित होंगे। इस अभियान में अपनी भूमिका निभाने के लिए जनपद के शाहंशाहपुर स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, कलेक्टरी फार्म स्थित इरी के दक्षिण एशियाई केंद्र, कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि विभाग, पूर्वांचल के मऊ जनपद स्थित भारतीय बीज विज्ञान संस्थान, राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीव ब्यूरो के विज्ञानियों सहित कृषि से जुडे अन्य संस्थानों व केंद्रों के विज्ञानी भी सम्मिलित होंगे।
जिले में कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि विभाग, भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान व कृषि से जुड़े अन्य विभागों द्वारा मिलकर तीन टीमें बनाई गई हैं जो प्रत्येक दिन नौ ग्राम पंचायतों में किसानों से सीधे जुड़ेंगी व नवाचारों से किसानों को जोड़ेंगी। साथ ही किसानों को विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्रदान करेंगी। किसानों का फीड बैक भी लेंगी।
आइआइवीआर ने किया छह जिलों में पूर्वाभ्यास
भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (आइआइवीआर) के विज्ञानियों ने अभियान के पूर्व मंगलवार को छह जनपदों में पूर्वाभ्यास (ड्राई रन) का आयोजन किया। इसमें 500 से अधिक किसानों ने भाग लिया। वाराणसी, चंदौली, मीरजापुर, सोनभद्र, संतरविदासनगर और कुशीनगर जनपदों के किसान इस अभियान में शामिल रहे।
केवीके एवं कृषि विभाग के सहयोग से आराजी लाइन ब्लाक के ग्राम पंचायत मेहंदीगंज में आयोजित कार्यक्रम में किसानों ने विज्ञानियों को अपने खेतों की समस्याएं बताईं। विज्ञानियों ने किसानों को कम जल में बेहतर फसल उत्पादन, जलवायु परिवर्तन का फसलों पर खतरा, रसायनों के कम उपयोग, संसाधनों के व्यापक उपयोग और सूक्ष्मजीवों के माध्यम से मृदा एवं पौधों के स्वास्थ्य संरक्षण पर विस्तृत चर्चा की।
ड्रोन के उपयोग से खेती में होने वाले बदलावों पर भी जानकारी दी गई। निदेशक डा. राजेश कुमार ने कहा, "यह अभियान किसानों की आय दोगुनी करने और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारी जिम्मेदारी है कि किसानों को वैज्ञानिक तकनीकों से जोड़ें और उनकी समस्याओं का निराकरण करें।"

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