Varanasi: 54 साल पुराना ताजिये का मसला सुलझा, नए मार्ग से प्रशासन की मौजूदगी में निकला जुलूस
वाराणसी के चंद्रावती गांव में 54 वर्षों से जारी ताजिया जुलूस मार्ग का विवाद शांतिपूर्वक सुलझा। प्रशासन की सतर्कता से हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच सहमति बनी कि जुलूस अब सार्वजनिक रास्तों से गुजरेगा जिससे निजी संपत्तियों को नुकसान नहीं होगा। दोनों समुदायों ने भाईचारे का परिचय देते हुए सौहार्दपूर्ण रवैया अपनाया और ताजिये कर्बला में दफन किए गए।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। चंद्रावती गांव में ताजिया जुलूस मार्ग को लेकर पिछले 54 वर्षों से चला आ रहा विवाद इस बार शांतिपूर्ण तरीके से सुलझ गया। हर वर्ष इस मुद्दे पर हिंदू और मुस्लिम पक्षों के बीच तनाव उत्पन्न हो जाता था क्योंकि जुलूस पूर्व निर्धारित मार्ग में पड़ने वाली ओमप्रकाश पांडेय की निजी भूमि व दीनानाथ जैन की चहारदीवारी से होकर गुजरती थी ।
इस बार विवाद को भांपते हुए प्रशासन पहले से ही सतर्क हो गया। थानाध्यक्ष रविकांत मलिक के नेतृत्व में दोनों पक्षों के साथ बैठक कर समाधान निकालने की दिशा में प्रयास किया गया। वार्ता के बाद सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि ताजिया जुलूस का मार्ग बदला जाएगा ।अब यह केवल सार्वजनिक एवं सरकारी रास्तों से होकर गुजरेगा। जिससे किसी की निजी संपत्ति प्रभावित नहीं होगी।
आपसी सौहार्द की मिसाल बनी चंद्रावती प्रशासन की पहल पर हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों ने सौहार्दपूर्ण रवैया अपनाया। ताजियादारों ने भी जुलूस मार्ग में बदलाव को स्वीकार करते हुए आपसी भाईचारे का परिचय दिया।
इस मौके पर एसीपी सारनाथ विजय प्रताप सिंह, थानाध्यक्ष रविकांत मलिक ,इं चंद्र कांता उपनिरीक्षक सहित भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रही इसी तरह डुबकियां, बनकट,अजांव, कौवा पुर , धौरहरा,आदि कई गांवों की ताजिये को कर्बला में दफन किया गया। थानाध्यक्ष रविकांत मलिक ने बताया कि पूरे थाना क्षेत्र में कुल 33 ताजियों का दफन सकुशल संपन्न हुआ।
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