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    वाराणसी में दारोगा- वकील प्रकरण पर बोले चंदौली सांसद, कहा- 'दोनों पक्ष के वरिष्ठ करें हस्तक्षेप'

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 03:55 PM (IST)

    सांसद वीरेंद्र सिंह ने दरोगा और अधिवक्ता विवाद को अनुचित बताया और दोनों पक्षों से सम्मान करने की अपील की। उन्होंने डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के समाजवादी पार्टी पर कटाक्ष पर तंज कसते हुए पाला बदलने की बात कही। साथ ही जमीनों को जबरदस्ती हड़पने के विरोध में फ्रेट कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार का ऐलान किया।

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    जल परिवहन सेवा की सफलता पर भी सवाल उठाए और इसे गरीबों के लिए नुकसानदायक बताया।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। दारोगा और अधिवक्ता के बीच विवाद उचित नहीं है। यह न केवल जनता के लिए, बल्कि पुलिस विभाग और वकीलों के लिए भी ठीक नहीं है। जब किसी को न्याय नहीं मिलता, तो वह न्यायालय का दरवाजा खटखटाता है, और वकील उसकी मदद करते हैं। यदि वकील समाज ही पीड़ित हो जाए, तो हम लोग कहां जाएंगे? दोनों पक्षों को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए।

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    सांसद वीरेंद्र सिंह ने चंदौली में अपने आवास टैगोर टाउन में आयोजित प्रेस वार्ता में यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि जो पक्ष अपनी कमियों को छिपा रहा है, उसे सामने आकर वरिष्ठ अधिवक्ताओं और वरिष्ठ पुलिस तथा जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बातचीत करनी चाहिए, ताकि आपसी सहमति बन सके और इस विवाद का समाधान हो सके।

    सांसद ने डिप्टी सीएम बृजेश पाठक द्वारा समाजवादी पार्टी पर किए गए कटाक्ष पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि बृजेश पाठक जब बसपा में थे, तब भाजपा की बुराई करते थे, और अब समाजवादी पार्टी की बुराई कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि वे अब पाला बदलने वाले हैं।

    इसके अलावा, उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा गरीबों की जमीनों को जबरदस्ती हड़पने के विरोध में कल फ्रेट कॉरिडोर के वर्चुअल उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने उन्हें सूचित किया था कि राल्हुपुर, ताहिरपुर, मिल्कीपुर और आसपास के गांवों से लगभग डेढ़ सौ एकड़ जमीन पर फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, जिसका वर्चुअल उद्घाटन प्रधानमंत्री करेंगे। उन्होंने कहा कि गरीबों की जमीनों को हड़पने और बिना मुआवजा दिए बनने वाले फ्रेट कॉरिडोर के उद्घाटन में जाना गरीबों का अपमान करने के बराबर है।

    सांसद ने आरोप लगाया कि जल परिवहन सेवा, जिसे कई वर्षों से शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है, उसकी सफलता एक प्रतिशत भी नहीं है। चार साल में लगभग 300 टन माल की ढुलाई हुई है, और वह भी बाढ़ के समय। बाकी 10 महीने इस जल परिवहन सेवा का संचालन नहीं हो पाता है, क्योंकि गंगा नदी में पानी नहीं रहता। गर्मियों में गंगा किनारे लगाए गए पंप कैनाल बंद कर दिए जाते हैं, क्योंकि जलस्तर काफी नीचे चला जाता है।

    उन्होंने कहा कि यह केवल एक सपना है, जिसे प्रधानमंत्री ने देखा है, और इस सपने की कीमत में कम से कम 1000 परिवार उजड़ जाएंगे। इसलिए, गरीबों के हितों पर बनने वाले इस फ्रेट कॉरिडोर का मैं पुरजोर विरोध करता हूं। इसी क्रम में, मैंने कल के उद्घाटन समारोह का निमंत्रण ठुकरा दिया है।