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    Flood in UP: मणिकर्णिका घाट की गलियों में घुस गया बाढ़ का पानी, पिछले 24 घंटों में काफी बढ़ा गंगा का जलस्तर

    वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और चेतावनी बिंदु को पार कर गया है। पिछले 24 घंटों में जलस्तर में दो मीटर से अधिक की वृद्धि हुई है जिससे घाटों और निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। वरुणा नदी में भी उफान है जिससे किनारे के इलाकों में खतरा बढ़ गया है।

    By Sangram Singh Edited By: Aysha Sheikh Updated: Thu, 28 Aug 2025 04:43 PM (IST)
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    चेतावनी बिंदु पार कर गईं गंगा, जलस्तर खतरा निशान से 0.66 मीटर नीचे

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। गंगा का जलस्तर तीन सेंटीमीटर प्रति घंटा की दर से पानी बढ़ रहा है। चेतावनी स्तर 70.262 मीटर है जबकि खतरा स्तर 71.262 मीटर। बुधवार को 70.60 मीटर जलस्तर रिकार्ड किया गया है, इस तरह गंगा चेतावनी बिंदु को पार करते हुए 0.34 मीटर ऊपर निकल चुकी हैं।

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    गंगा खतरा बिंदु से करीब 0.66 मीटर नीचे बह रही हैं। यही हाल रहा तो जलस्तर खतरा बिंदु को भी क्रास कर जाएगा। उच्च जल स्तर 73.901 मीटर है। बाढ़ के हालात फिर से गंभीर होते जा रहे हैं। पिछले 24 घंटों में गंगा का जलस्तर दो मीटर से अधिक बढ़ चुका है। तेजी से बढ़ोतरी ने घाटों और निचले इलाकों की स्थिति बिगाड़ दी है।

    गंगा के उफान से घाटों पर बने मंच और चौकियां डूब चुकी हैं। अस्सी घाट स्थित सुबह-ए-बनारस का मंच जलमग्न है जबकि मणिकर्णिका घाट की गलियों में बाढ़ का पानी घुस गया है। दशाश्वमेध घाट की जल पुलिस चौकी पानी में समा गई है, वहीं शीतला मंदिर के गर्भगृह में भी बाढ़ का पानी भर गया। अस्सी से राजघाट तक हजारों मंदिर जलमग्न हो चुके हैं।

    हालांकि, यह पहली बार है जब एक ही मानसून सीजन में दूसरी बार बाढ़ का संकट आया है। यह हालात दस हजार से अधिक आबादी को प्रभावित कर रहा है। बाढ़ से प्रभावित इलाकों में पलायन भी शुरू हो चुका है। गंगा के साथ ही सहायक नदी वरुणा भी उफान पर है।

    पिछले 24 घंटों में वरुणा का जलस्तर पांच मीटर से ज्यादा बढ़ गया है। इसका असर वरुणा तटवर्ती इलाकों में देखने को मिल रहा है। सुबह वरुणा कारिडोर का पाथवे डूब गया।

    नक्खी घाट, दीनदयालपुर, पुरानापुल, शक्कर तालाब, उंचवां और हिदायत नगर समेत आसपास के मोहल्लों की करीब दस हजार आबादी पर बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। स्थानीय लोग दोबारा बाढ़ से परेशान हैं। बाढ़ से घर लौटे हुए उन्हें कुछ ही दिन हुए थे, मकान की सफाई भी पूरी नहीं हो पाई थी कि वरुणा का पानी फिर से बढ़ने लगा।

    यमुना का पानी व बादल फटना बना बाढ़ का कारण

    मध्य प्रदेश और राजस्थान में भारी वर्षा की वजह से यमुना नदी उफान पर हैं। बादल फटने की घटनाओं से गंगा में पानी बढ़ा है। गंगा और यमुना का पानी प्रयागराज में मिलकर भदोही, मीरजापुर, वाराणसी, गाजीपुर, बलिया आदि जिलों में तबाही मचाने को आतुर है।