वाराणसी में गैंगरेप पीड़िता ने सड़क पर दिया बच्ची को जन्म, नहीं मिली पुलिस से मदद, खुले घूम रहे आरोपी
वाराणसी में चौबेपुर थाना क्षेत्र की एक गैंगरेप पीड़िता ने कष्टकारी परिस्थितियों में बेटी को जन्म दिया। प्रसव पीड़ा होने पर एंबुलेंस भी नहीं मिली। पीड़िता को ऑटो से अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसने बच्ची को जन्म दिया। पीड़िता ने बताया कि एक साल पहले उसके साथ गैंगरेप हुआ था जिसके सात आरोपियों में से सिर्फ दो जेल में हैं।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। चौबेपुर थाना क्षेत्र की एक गैंगरेप पीड़िता ने सोमवार शाम को कष्टकारी परिस्थितियों में एक बेटी को जन्म दिया। प्रसव पीड़ा शुरू होने पर उसे एंबुलेंस तक नसीब नहीं हुई। परिवार ने पुलिस और ऑनलाइन हेल्पलाइन पर मदद मांगी, लेकिन कोई सहायता नहीं मिली।
आखिरकार, पिता और रिश्तेदार उसे ऑटो में लिटाकर वाराणसी ले गए। रास्ते में ही पीड़िता ने बच्ची को जन्म दे दिया। पास के एक क्लिनिक में नाल काटी गई और प्राथमिक उपचार के बाद उसे पंडित दीनदयाल उपाध्याय महिला अस्पताल पहुंचाया गया।
पीड़िता ने बताया कि एक साल पहले उसके साथ गैंगरेप हुआ था। सात आरोपियों में से केवल दो जेल में हैं, जबकि पांच खुले घूम रहे हैं। वह अपनी बेटी को अच्छी शिक्षा और सम्मानजनक जीवन देना चाहती है।
उसकी मां दिव्यांग हैं और पिता मानसिक रूप से कमजोर। परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के बावजूद, उसने बच्चे को रखने का फैसला किया।
पीड़िता ने कहा, मेरे साथ अन्याय हुआ, लेकिन मैं अपनी बेटी को खुद पालूंगी। मुझे न्याय चाहिए, ताकि बाकी आरोपी सजा पाएं।
पीड़िता की मामी केस की पैरवी कर रही हैं। बताया कि गरीब होने के कारण उनकी सुनवाई में देरी हो रही है। कई महीनों तक थाने के चक्कर लगाने के बाद केस दर्ज हुआ। एडीसीपी नीतू कात्यान ने एक सप्ताह में कार्रवाई का वादा किया था, लेकिन कोई प्रगति नहीं हुई।
पुलिस ने उल्टा परिवार को मीडिया से बात करने पर धमकाया। घटना का खुलासा तब हुआ, जब सात युवकों ने किशोरी का अपहरण कर गैंगरेप किया और न्यूड वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया। पीड़िता को धमकियां मिलीं और शिकायत के बाद भी पुलिस ने देरी की। केवल दो आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हुई, बाकी पांच अब भी फरार हैं।
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