UP News: वाराणसी में चेतावनी बिंदु के करीब पहुंचा गंगा का जलस्तर, खतरा निशान से महज 1.22 मीटर नीचे
वाराणसी में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है जिससे बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। वरुणा नदी में पानी का बहाव तेज होने से आसपास के क्षेत्रों में भी पानी फैल रहा है। जिला प्रशासन ने राहत शिविर खोले हैं और लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। घाटों पर जलस्तर बढ़ने से अंतिम संस्कार में दिक्कतें आ रही हैं।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। तेजी से बढ़ता गंगा का जलस्तर शनिवार की रात को चेतावनी बिंदु के निकट तक पहुंच गया है। अब यह खतरा बिंदु से महज 1.22 मीटर नीचे रह गया है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से वरुणा में पलट प्रवाह काफी तेज हो गया है, जिससे बाढ़ का पानी अन्य क्षेत्रों में भी फैलने लगा है।
पानी के क्षैतिज प्रसार के चलते जलस्तर के ऊपर चढ़ने की गति मंद होकर प्रति घंटा एक सेमी रह गई है। खतरा बिंदु तक पानी पहुंचने के पूर्व ही वरुणा के तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ की विभीषिका और तेज हो गई है।
शनिवार की सुबह आठ बजे तक बीते 12 घंटों में जलस्तर 24 सेमी बढ़कर 69.92 मीटर पर पहुंच गया था। इसके बाद जल का क्षैतिज फैलाव और तेज हो गया और जलस्तर वृद्धि की गति एक सेमी प्रति घंटा हो गई।
दोपहर 12 बजेे 69.96 मीटर पर रहा जलस्तर रात आठ बजे तक आठ घंटों में आठ सेमी बढ़कर 70.04 मीटर पर पहुंच गया जो चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर से महज 22 सेमी नीचे रह गया था। रविवार तक इसके चेतावनी बिंदु को छू जाने की संभावना बनी हुई है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने राहत कार्य तेज कर दिए हैं। प्रशासन की ओर से चार राहत शिविर सक्रिय कर दिए गए हैं। जहां प्रभावित परिवारों को जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। जिला प्रशासन ने गंगा और वरुणा किनारे रहने वाले लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और आवश्यक होने पर प्रशासन द्वारा बताए गए सुरक्षित स्थानों पर समय रहते पहुंचें।
जल पुलिस, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें अलर्ट पर हैं और लगातार निगरानी कर रही हैं। मौसम विभाग और सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, फिलहाल गंगा के जलस्तर में गिरावट के कोई संकेत नहीं हैं। इससे आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं।
इधर बढ़ते गंगा के पानी को दशाश्वमेध की गली तक पहुंचने में महज दो सीढ़ी नीचे रह गया है। बाबा विश्वनाथ के धाम में जाने वाले गंगा द्वार पर पानी शनिवार की दोपहर 2:20 बजे तक 26 सीढ़ी नीचे था। दशाश्वमेध पर गंगा का पानी जल पुलिस के बूथ को पहले ही डुबा चुका है।
मणिकर्णिका घाट की गलियाें में अब नाव चलने लगी है। वहां शवों के अंतिम संस्कार की समस्या खड़ी हो गई है और प्रतीक्षा की कतार लगने लगी है। हरिश्चंद्र घाट पर पहले से ही गलियों में शवदाह किया जा रहा है।
इधर पुराने असि घाट की ओर भी बाढ़ का पानी गलियों में बह रहा है। नए असि घाट पर सुबह-ए-बनारस का मंच डूब चुका है। सड़क तक पानी आने के लिए पांच सीढ़ियां और शेष बची हैं। सामने घाट के पास निर्माणाधीन भाग के गुंबद तक पानी पहुंच गया है और जज हाउस की सीढ़ियों के ऊपर से बहने लगा है। मारुति नगर कालोनी में पीछे की ओर से पानी प्रवेश करने लगा था जिसे निकालने के लिए मोटर लगाया गया। तटवर्ती बस्तियों के निवासी सुरक्षित स्थानों की ओर जाने के लिए अपना सामान समेटने लगे हैं।
पुलकोहना इलाके में चार और मकानों में घुसा बाढ़ का पानी
सारनाथ क्षेत्र में वरुणा नदी में गिरने वाले नालों से सटे पुलकोहना क्षेत्र में शुक्रवार की रात चार और मकानों में बाढ़ का पानी घुस गया था। लोगो ने मकान खाली कर किराए के मकानों में शरण ले ली। पुराना पुल पुलकोहना छोटी मस्जिद के पास नाले के पास के रहने वाले मोहमद परवेज, शिकाईन, सतना, के मकानों में रात में बाढ़ का पानी घुस गया। वहीं सलारपुर में पार्वती, सहित तीन लोगों के मकानों में पानी घुसा है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।