Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Varanasi Flood: वाराणसी में बढ़ा बाढ़ का खतरा, चेतावनी के निशान को पार गई गंगा नदी; निचले इलाकों में जलभराव

    वाराणसी में गंगा का जलस्तर तेज़ी से बढ़ रहा है जो चेतावनी स्तर को पार कर गया है और खतरे के स्तर के करीब है। पिछले 24 घंटों में दो मीटर से अधिक की वृद्धि हुई है जिससे घाटों और निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। अस्सी घाट और मणिकर्णिका घाट जैसे इलाके जलमग्न हैं और हज़ारों मंदिर डूब गए हैं।

    By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 27 Aug 2025 11:55 PM (IST)
    Hero Image
    वाराणसी में बढ़ा बाढ़ का खतरा, चेतावनी के निशान को पार गई गंगा नदी (File Photo)

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। गंगा का जलस्तर तीन सेंटीमीटर प्रति घंटा की दर से पानी बढ़ रहा है। चेतावनी स्तर 70.262 मीटर है जबकि खतरा स्तर 71.262 मीटर। बुधवार को 70.60 मीटर जलस्तर रिकार्ड किया गया है, इस तरह गंगा चेतावनी बिंदु को पार करते हुए 0.34 मीटर ऊपर निकल चुकी हैं। गंगा खतरा बिंदु से करीब 0.66 मीटर नीचे बह रही हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यही हाल रहा तो जलस्तर खतरा बिंदु को भी क्रास कर जाएगा। उच्च जल स्तर 73.901 मीटर है। बाढ़ के हालात फिर से गंभीर होते जा रहे हैं।

    पिछले 24 घंटों में गंगा का जलस्तर दो मीटर से अधिक बढ़ चुका है। तेजी से बढ़ोतरी ने घाटों और निचले इलाकों की स्थिति बिगाड़ दी है। गंगा के उफान से घाटों पर बने मंच और चौकियां डूब चुकी हैं।

    अस्सी घाट स्थित सुबह-ए-बनारस का मंच जलमग्न है जबकि मणिकर्णिका घाट की गलियों में बाढ़ का पानी घुस गया है। दशाश्वमेध घाट की जल पुलिस चौकी पानी में समा गई है, वहीं शीतला मंदिर के गर्भगृह में भी बाढ़ का पानी भर गया। अस्सी से राजघाट तक हजारों मंदिर जलमग्न हो चुके हैं।

    हालांकि, यह पहली बार है जब एक ही मानसून सीजन में दूसरी बार बाढ़ का संकट आया है। यह हालात दस हजार से अधिक आबादी को प्रभावित कर रहा है। बाढ़ से प्रभावित इलाकों में पलायन भी शुरू हो चुका है। गंगा के साथ ही सहायक नदी वरुणा भी उफान पर है।

    पिछले 24 घंटों में वरुणा का जलस्तर पांच मीटर से ज्यादा बढ़ गया है। इसका असर वरुणा तटवर्ती इलाकों में देखने को मिल रहा है। सुबह वरुणा कारिडोर का पाथवे डूब गया।

    नक्खी घाट, दीनदयालपुर, पुरानापुल, शक्कर तालाब, उंचवां और हिदायत नगर समेत आसपास के मोहल्लों की करीब दस हजार आबादी पर बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। स्थानीय लोग दोबारा बाढ़ से परेशान हैं। बाढ़ से घर लौटे हुए उन्हें कुछ ही दिन हुए थे, मकान की सफाई भी पूरी नहीं हो पाई थी कि वरुणा का पानी फिर से बढ़ने लगा।

    यमुना का पानी व बादल फटना बना बाढ़ का कारण

    मध्य प्रदेश और राजस्थान में भारी वर्षा की वजह से यमुना नदी उफान पर हैं। बादल फटने की घटनाओं से गंगा में पानी बढ़ा है। गंगा और यमुना का पानी प्रयागराज में मिलकर भदोही, मीरजापुर, वाराणसी, गाजीपुर, बलिया आदि जिलों में तबाही मचाने को आतुर है।