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    Gyanvapi Survey: ASI को दो सितंबर तक ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट देने का आदेश, बारीकी से हो रहा सर्वेक्षण

    By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj Mishra
    Updated: Sun, 06 Aug 2023 09:00 AM (IST)

    Gyanvapi Survey वाराणसी के जिला जज ने एएसआई को ज्ञानवापी पर‍िसर के सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर दो सितंबर तक सर्वे की र‍िपोर्ट कोर्ट में जमा करने के आदेश द‍िए हैं। बता दें क‍ि एएसआइ ने सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट की रोक का हवाला देकर चार अगस्त को जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र देकर चार सप्ताह का समय मांगा था।

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    Gyanvapi Survey: दो स‍ितंबर तक ज‍िला जज को ज्ञानवापी सर्वे की र‍िपोर्ट सौंपने के आदेश

    वाराणसी, जागरण संवाददाता। ज्ञानवापी परिसर में ASI का सर्वे आज तीसरे द‍िन भी जारी है। जिला जज डा.अजय कृष्ण विश्वेश ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट दो सितंबर तक पेश करने का आदेश दिया है।

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    इस बाबत शुक्रवार को प्रार्थना पत्र दिया गया था। मंदिर पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा सील किए गए वुजूखाने को छोड़कर शेष परिसर का वैज्ञानिक पद्धति से सर्वे कराने का आवेदन किया था। जिला जज ने 21 जुलाई को आवेदन स्वीकार करते हुए एएसआइ सर्वे का आदेश दे दिया।

    साथ ही एएसआइ निदेशक को चार अगस्त तक सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए थे। इस आदेश को मस्जिद पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। शीर्ष अदालत ने सर्वे पर दो दिनों की रोक लगाते हुए मस्जिद पक्ष को हाई कोर्ट जाने का निर्देश दिया था। हाई कोर्ट ने तीन अगस्त को सर्वे जारी रखने का आदेश दिया।

    मस्जिद पक्ष को इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी राहत नहीं मिली। एएसआइ ने सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट की रोक का हवाला देकर चार अगस्त को जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र देकर चार सप्ताह का समय मांगा था।

    वाराणसी हाई कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी परिसर में एएसआइ सर्वे रव‍िवार को तीसरे दिन भी जारी है। सुबह आठ बजे एएसआई की टीम ज्ञानवापी पर‍िसर पहुंच गई। शन‍िवार को जहां सर्वे टीम ने मुख्य गुंबद के नीचे उस कमरे की बारीकी से जांच की जहां, नमाज होती है।

    ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (जीपीआर) के जरिए फर्श के नीचे मौजूद जमीन की सच्चाई का पता लगाने का प्रयास किया। वहां जमीन के ठोस न होने के संकेत मिले हैं। मंदिर पक्ष का दावा है कि आदि विश्वेश्वर मंदिर का गर्भ गृह इसी स्थान पर था। इसलिए गुंबद के नीचे शिवलिंग हो सकता है।

    मस्जिद के स्टोर रूम के बाहर की दीवार पर स्वास्तिक जैसे निशान मिले। फर्श की जांच से ऐसा लगा जैसे जगह वह पूरी तरह ठोस नहीं है। चारों कोने पर मंडप जैसा ढांचा बना हुआ है, जिनकी संख्या आठ है। उनमें भी कलाकृतियां बनी हुई हैं।

    मुख्य गुंबद के नीचे चारों दिशाओं में दीवारों पर जिग-जैग कट बने हुए हैं। एएसआइ टीम ने इनकी तस्वीरें लीं, वीडियो बनाए और डायरी में भी दर्ज किया। उन्होंने मुख्य गुंबद की ऊपरी बनावट को भी देखा।