Gyanvapi Case: शिवलिंग की कार्बन डेटिंग तथा वैज्ञानिक जांच की मांग खारिज करने के खिलाफ अपील करेगा हिंदू पक्ष
Gynavapi Masjid Case of Varanasi वाराणसी कोर्ट के कार्बन डेटिंग और शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच की याचिका खारिज करने पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि हम वाराणसी कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।

UP News, वाराणसी, जेएनएन। Gynavapi Masjid Case of Varanasi: बहुप्रतीक्षित वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद प्रांगण से मिले विशाल शिवलिंग को लेकर कोर्ट ने शुक्रवार को अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट के शिवलिंग की कार्बन डेटिंग (Carbon Dating of Shivling) तथा वैज्ञानिक जांच (Scientific investigation of Shivling) कराने की मांग की खारिज करने के फैसले के खिलाफ अब हिंदू पक्ष सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगा।
वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद प्रांगण में मिले विशाल शिवलिंग को लेकर हिंदू पक्ष ने हुंकार भर दी है कि जंग जारी रहेगी। हिंदू पक्ष को यकीन था कि कोर्ट शिवलिंग की कार्बन डेटिंग के साथ ही वैज्ञानिक जांच कराने का निर्देश दे देगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
वाराणसी कोर्ट के कार्बन डेटिंग और शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच की याचिका खारिज करने पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि हम इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। कोर्ट ने यह कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने उस जगह को सील कर रखा है इसलिए हम इसमें कोई भी ऑर्डर पास नहीं कर सकते। इसी कारण हमारी कार्बन डेटिंग की मांग को कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने कहा कि वाराणसी कोर्ट ने कोर्ट ने कहा है कि शिवलिंग के साथ कोई छेड़छाड़ ना हो, अभी इसकी आवश्यकता नहीं है। हम उच्च न्यायालय में भी अपनी बात रखेंगे क्योंकि विज्ञान की कसौटी पर जीवन जिया जा सकता है।
वाराणसी में शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वाराणसी कोर्ट ने मस्जिद परिसर में कार्बन डेटिंग और शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच की मांग वाली हिंदू पक्ष की मांग को खारिज कर दिया है। ज्ञानवापी प्रकरण में कोर्ट ने शिवलिंग की कार्बन डेटिंग या वैज्ञानिक परीक्षण से इन्कार कर दिया है।
दिल्ली की राखी सिंह व वाराणसी की चार महिलाओं की ओर से जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट में मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन समेत अन्य मांगों को लेकर दाखिल मुकदमे की सुनवाई शुक्रवार को हुई। इसमें ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग के आयु निर्धारण के लिए की जा रही कार्बन डेटिंग या पुरातत्वविदों की टीम के इसकी और आसपास के स्थान की जांच की मांग को कोर्ट ने खारिज कर दिया।
अदालत का तर्क है कि कार्बन डेटिंग से शिवलिंग को नुकसान पहुंच सकता है और यह जन आस्था का विषय है। अदालत ने दो दिन पहले मंदिर व मस्जिद पक्ष की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखते हुए अगली सुनवाई के लिए 14 अक्टूबर की तिथि नियत की थी।

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