BHU Trauma Center: अब घर बैठे भी जान सकेंगे बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर में कितने बेड हैं खाली, यहां मिलेगी पूरी रिपोर्ट
वाराणसी के बीएचयू ट्रामा सेंटर में अब बेड की उपलब्धता की जानकारी घर बैठे मिल सकेगी। आईसीयू और वार्डों में खाली और भरे बेड की जानकारी संबंधित चिकित्सक का नाम और आपातकालीन विभाग में प्रतीक्षारत रोगियों की संख्या वेबसाइट और क्यूआर कोड के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और रोगियों का विश्वास मजबूत होगा।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। बीएचयू के ट्रामा सेंटर में किस विभाग का कितने बेड भरे हैं या कितने खाली हैं, इसकी जानकारी आप घर बैठे भी ले सकते हैं यानी अब कोई भी यह कह कर मरीजों को नहीं टरका सकेगा कि अस्पताल में बेड नहीं हैं। रोगियों और उनके परिजनों की सुविधा को ध्यान में ट्रामा सेंटर प्रशासन ने ऐसी व्यवस्था की है जिसमें अब आइसीयू और वार्डों में उपलब्ध बेड की वास्तविक समय की जानकारी अब सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराई जा रही है।
इस सुविधा के माध्यम से न केवल खाली और भरे हुए बेड की स्थिति जानी जा सकेगी, बल्कि संबंधित चिकित्सक का नाम, पिछले दिन की आपातकालीन गणना तथा वर्तमान में आपातकालीन विभाग में प्रतीक्षारत रोगियों की संख्या भी पारदर्शी ढंग से देखी जा सकेगी।
ट्रामा सेंटर के आचार्य प्रभारी प्रो. सौरभ सिंह ने बताया कि यह पहल रोगियों और उनके परिजनों को विश्वास और आश्वस्त करेगी। भर्ती प्रक्रिया की वास्तविक स्थिति सभी के सामने होने से किसी भी प्रकार की अनिश्चितता समाप्त होगी और रोगी तुरंत जान पाएंगे कि अस्पताल में बेड की उपलब्धता कैसी है।
इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि चिकित्सकों और परिजनों के बीच भरोसे का रिश्ता और भी सुदृढ़ होगा। बताया कि सभी जानकारी ट्रामा सेंटर की आधिकारिक वेबसाइट https://traumacentrebhu.com/#/bed-availability पर उपलब्ध है। इसके साथ ही एक क्यूआर कोड भी जारी किया गया है, जिसे स्कैन करके यह जानकारी सीधे मोबाइल पर भी प्राप्त की जा सकती है।
साथ ही अस्पताल में इसका डिस्प्ले भी किया जाएगा। प्रो. सिंह ने यह भी बताया कि पारदर्शिता ही सर्वोत्तम पद्धति है। इस पहल से रोगियों को वास्तविक समय की जानकारी मिलेगी और अस्पताल सेवाओं में विश्वास और उत्तरदायित्व और अधिक सशक्त होगा।
अस्पताल प्रशासन को निरंतर प्रयासरत है कि रोगियों को न केवल उत्कृष्ट चिकित्सकीय सेवाएं मिलें, बल्कि उपचार और भर्ती की प्रक्रिया भी पूरी तरह से पारदर्शी और विश्वासजनक हो। यह पहल रोगी-हित में पारदर्शिता और विश्वसनीयता की दिशा में एक और सशक्त कदम है।
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