वाराणसी में खड़खड़ाती खिड़कियों वाली बसों में ठंड से ठिठुरते यात्री, दुश्वारी भरा सफर
वाराणसी में बसों की खड़खड़ाती खिड़कियों से यात्रियों को ठंड लग रही है, जिससे उनका सफर मुश्किल हो गया है। जर्जर खिड़कियों के कारण ठंडी हवा अंदर आ रही है, जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही है। खिड़कियों की मरम्मत न होने से बस का सफर चुनौतीपूर्ण बन गया है।

रोडवेज की अनफिट बसें और खड़खड़ाती खिड़कियों के बीच उन्हें सफर करना पड़ रहा है।
अनूप अग्रहरि जागरण वाराणसी। सर्दी की आहट के बाद अब कोहरे ने भी दस्तक देना शुरू कर दिया है। इस बीच उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की सेवा यात्रियों को भारी पड़ रही है। रोडवेज की अनफिट बसें और खड़खड़ाती खिड़कियों के बीच उन्हें सफर करना पड़ रहा है।
कोहरे के मद्देनजर पूर्व में परिवहन निगम प्रशासन ने कई चरणों में होम वर्क किया था। बावजूद इसके यात्री सुरक्षित यात्रा से अभी भी वंचित हैं। शुक्रवार को कैंट स्थित चौधरी चरण सिंह बस टर्मिनल स्टेशन पर पड़ताल के दौरान सामने आई तस्वीरों ने कोहरे के दृष्टिगत प्रशासनिक तैयारी पर कई गंभीर सवाल खड़े किए। यहां प्लेटफार्म नंबर छह पर खड़ी काशी डिपो की बस में आल वेदर बल्ब नहीं दिखा।
हादसे की रोकथाम के लिए जरूरी रिफ्लेक्टर स्टीकर भी गायब थे। बगल में खड़ी गाजीपुर डिपो की बस की खिड़की का शीशा ढीला था। उसकी रबड़ बीट टूटी हुई थी। आल वेदर बल्ब भी नहीं दिखा। कुछ दूर आगे ग्रामीण डिपो की बस का भी कुछ ऐसा ही हाल था। चालक की पिछली सीट पर रबड़ बीट टूटने के कारण खिड़की का शीशा ढीला हो गया था।
इधर, परिसर में खड़ी सोनभद्र डिपो की बस से आल वेदर बल्ब गायब थे। आजमगढ़ डिपो की सेवा में आल वेदर बल्ब और रिफ्लेक्टर स्टीकर नहीं लगे थे। परिसर के बाहर खड़ी ग्रामीण डिपो की बस का भी यही हाल था। उक्त खामियों के बावजूद बसों को बिना क्लियरेंस के दौड़ाया जा रहा है।

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