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    काशी की घाट पर होने वाला है कुछ खास, CM Yogi के पास पहुंच गई है चिट्ठी; लोगों को मिलेगी ये सहूलियत

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 03:01 AM (IST)

    वाराणसी में अपना घर आश्रम गंगा किनारे दूसरा महिला आश्रय बनाएगा। 30 हजार वर्ग फीट जमीन चुनी गई है जहाँ बेसहारा महिलाओं की मुफ्त देखभाल होगी। मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया है और लोगों से दान करने की अपील की गई है। आश्रम में 600 से अधिक लोग हैं और 3000 बेसहारा लोगों को आश्रय मिला है जिनमें से 1300 परिवार से मिले।

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    सामने घाट में गंगा तट पर ही बनेगा महिलाओं के लिए अपना घर आश्रम

    रवि पांडेय, वाराणसी। काशी की गलियों और घाटों पर भटकने वाले निराश्रित और असहाय लोगों के लिए रोटी, कपड़ा और मकान के साथ उनके स्वास्थ्य की चिंता करने वाले अपना घर आश्रम की परिकल्पा साकार करने वाले दंपती डा. कुमार निरंजन और डा. कात्यायनी की टीम ने गंगा तट पर ही दूसरा महिला आश्रय बनाने का संकल्प लिया है। संस्था की तरफ से 30 हजार वर्ग फीट जमीन को दूसरे आश्रय स्थल के लिए चुना गया है क्योंकि यह अपना घर आश्रम से पास होने के कारण व्यवस्था के लिए काफी आसान होगा।

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    आश्रम में लगातार बढ़ रही संख्या को देखते हुए महिला आश्रय को अलग करने का संस्था ने विचार किया है। जहां असहाय महिलाओं को आश्रम लाकर उनकी निश्शुल्क देखभाल, भोजन, कपड़ा, चिकित्सा की व्यवस्था अपने घर जैसे आंगन में की जाएगी। जिससे उनकी जिंदगी का अंतिम पड़ाव सुखद बनाया जा सके।

    डा. कुमार निरंजन ने बताया कि इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी अपना घर आश्रम की तरफ से चिट्ठी लिखी जा चुकी है। डा. निरंजन ने जनता से अपील किया है कि मानव सेवा के इस प्रकल्प को जनसहयोग द्वारा किया जा रहा है जिसके लिए लोग स्वैच्छिक दान कर सकते हैं। महिला आश्रय के लिए लोग स्वेच्छा से दान कर रहे हैं जिसकी जमीन नवरात्र में रजिस्ट्री हो सकती है।

    तीन हजार लोगों को अपना घर आश्रम में मिला है आश्रय

    अपना घर आश्रम के संरक्षक डा. निरंजन ने बताया कि मदरवां, सामने घाट में कुल 600 से ज्यादा महिला एवं पुरुष आवासित हैं। अभी तक तीन हजार लावारिस लोगों को रेस्क्यू करके आश्रम लाया जा चुका है। जिसमें से 1300 लोगों को उनके स्वजन से मिलाया गया है।

    यह आश्रम अपने तरह का सबसे बड़ा मानव सेवा आश्रय स्थल है। काशी के गंगा तट पर सच्ची मानव सेवा करने वाली डा. कात्यानी को विश्व महिला दिवस पर राजभवन में सम्मानित भी किया जा चुका है।

    लोगों का हुनर संवारने के लिए बना है कौशल विकास केंद्र

    यहां आवासित लोगों के हुनर को संवारने के लिए मुख्यमंत्री की तरफ से प्रभुजी कौशल विकास केंद्र बना है। जिसमें हर्बल और आयुर्वेदिक साबुन के साथ ही सुगंधित अगरबती और दीपावली पर इको फ्रेंडली दीया और रक्षाबंधन पर राखी भी बनती है।

    प्लास्टिक मुक्ति के लिए कागज के ठोंगा बनाकर मुक्त बांटे जाते हैं। यहां पत्तल दोना और गिलास भी तैयार किया जाता है। यहां रहने वाले लोगों के शौक के अनुसार पेंटिंग, बिजली के काम, संगीत, खाना बनाना, साफ सफाई जैसे काम कराए जाते हैं। मनोरंजन के लिए सुबह शाम भजन कीर्तन और त्योहार के मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होता है। शहर के संभ्रांत लोग अपना जन्मदिन, शादी का सालगिरह और अन्य उत्सव में भी इनके साथ मनाते हैं।