दिवाली से पहले ही हांफने लगी बनारस की हवा, औसत जोन में पहुंचने से सांस रोगियों के लिए बढ़ा खतरा
वाराणसी में अक्टूबर माह में भारी बारिश के बाद हवा की गुणवत्ता फिर से खराब होने लगी है और यह मॉडरेट येलो जोन में पहुंच गई है। हवा में प्रदूषणकारी धूल कणों की मात्रा बढ़ने से सांस के रोगियों को परेशानी हो रही है। भेलूपुर क्षेत्र में हवा सबसे अधिक दूषित है, जबकि मलदहिया क्षेत्र में हवा अभी भी बेहतर है। वर्षाकाल समाप्त होने के बाद धूल कणों के कारण एक्यूआई में वृद्धि होती है।

श्वांस के रोगियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। इधर लगभग एक वर्ष से अधिक समय से बनारस की हवा की गुणवत्ता ने ग्रीन जोन में रहते हुए एक नया रिकार्ड ही कायम किया था लेकिन अक्टूबर माह मे रिकार्ड तोेड़ वर्षा के बीतते ही एक बार फिर शहर की हवा खराब होने लगी है।
अब शरद ऋतु के आगमन के साथ जैसे-जैसे वातावरण में शुष्कता बढ़़ती जा रही है, उसी के साथ हवा की सेहत भी खराब होने लगी है। अभी ज्यादा तो नहीं लेकिन यह माडरेट येलो जाेन में पहुंच चुकी है। हवा में प्रदूषणकारी 2.5 पीएम व 10 पीएम के धूल कणों की मात्रा बढ़ती ही जा रही है। इसके चलते श्वांस के रोगियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
अक्टूबर महीने की बात करें तो हवा में धूल कणों की संख्या बढ़ने का क्रम 10 अक्टूबर से ही आरंभ हो गया। शहर का औसत एक्युआई 11 अक्टूबर को ही 102 हो गया और अब बढ़ते हुए 121 तक जा पहुंचा है। हाल यह कि बीच में मलदहिया को छोड़ दें तो अर्दली बाजार से लेकर बीएचयू तक पूरा शहर प्रदूषणकारी धूल कणों की चपेट में है।
सर्वाधिक दूषित हवा भेलूपुर क्षेत्र में है जो गुरुवार को 180 तक पहुंच गई थी। केवल मलदहिया क्षेत्र में हवा अभी तक लाइट ग्रीन जोन में बनी हुई है।
भेलूपुर क्षेत्र में 10 अक्टूबर को वायु गुणवत्ता सूचकांक 117 पहुंच गया था जो क्रमश: बढ़ते हुए पांच दिनों में 181 पर आ आ गया। अर्दली बाजार में उधर तो सब ठीक रहा। इधर 14 अक्टूबर मंगलवार को उधर की हवा की गुणवत्ता प्रभावित हुई और एक्युआई 104 हुआ जो दूसरे दिन बुधवार को फिर लाइट ग्रीन जोन में 100 पर लौट आया लेकिन गुरुवार को यह बढ़कर 125 तक आ गया जो रात के 10 बजे तक 118 पर रहा।
बीएचयू क्षेत्र भी 10 अक्टूबर से ही प्रभावित होने लगा था। वहां उस दिन एक्युुआई के 107 पहुंचने से हवा के खराब होने का संकेत मिला और यह फिर मंगलवा और बुधवार को 102 से 103 के बीच रहा। इस बीच में मलदहिया क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता शहर के अन्य भागों की अपेक्षा बनी रही। यहां नौ अक्टूबर तक एक्युआई डार्क ग्रीन जोन में 50 से नीचे 46 तक रहा, इसके बाद एक्युआइ थोडा बढ़ा और लाइट ग्रीन जोन में पहुंचकर 77 पर आ गया। गुरुवार को यह 88 पर रहा।
वर्षाकाल समाप्त होने पर बढ़ जाता है एक्यूआइ
बीएचयू मौसम विभाग के विज्ञानी प्रो. मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि वर्षाकाल में एक्यूआइ अधिकांशत: 50 के नीचे ही रहता है, प्रतिवर्ष वर्षा समाप्त होने के बाद जब आसमान साफ होता है तो वातावरण में नमी कम होते ही वर्षा के कारण पृथ्वी की सतह पर बैठे धूल के कण सूखते ही हल्के होकर हवा के साथ ऊपर उठते हैं और वायुमंडल में फैल जाते हैं, इससे एक्यूआइ बढ़ जाती है। दीपावली के समय इसमें और वृद्धि होती है, जैसे-जैसे जाडा बढ़ता है, धूंध और कोहरे भी एक्युआइ बढ़ाते हैं।
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