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    जौनपुर में किराए के मकान से करते थे नकली डिटर्जेंट पाउडर बनाने का धंधा, एक गिरफ्तार

    By Saurabh ChakravartyEdited By:
    Updated: Wed, 18 May 2022 02:34 PM (IST)

    जौनपुर के केराकत के अकबरपुर में चलाई जा रही अवैध डिटर्जेंट पाउडर की फैक्टरी का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने एक आरोपित को मंगलवार रात गिरफ्तार किया है। भ ...और पढ़ें

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    जौनपुर: नकली सामान के साथ आरोपित पुलिस की गिरफ्त में।

    जौनपुर, जागरण संवाददाता। केराकत के अकबरपुर में चलाई जा रही अवैध डिटर्जेंट पाउडर की फैक्टरी का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने एक आरोपित को मंगलवार रात गिरफ्तार किया है। मौके से भारी मात्रा में घड़ी कंपनी का नकली डिटरजेंट, इलेक्ट्रॉनिक कांटा, पैकिंग मशीनें, रैपर और अन्य सामान पुलिस ने जब्त किया है। गांव में क्षेत्र के नाऊपुर निवासी राजकुमार गौतम पिछले एक माह से एक मकान किराए पर लेकर नकली‌ डिटर्जेन्ट पाउडर बनाने की फैक्ट्री डाल रखी थी, जिसमें इसके अलांवा दो तीन कारीगर थे जो पांच दिन पूर्व अपने घरों को चले‌ गये थे। नकली घड़ी पाउडर की फैक्ट्री की सूचना पर मंगलवार की शाम आरएसपीएल (घड़ी पाउडर) कम्पनी के एजीएम मनोज कुमार सिंह, मैनेजर बृजेश कुमार पाण्डेय ने थाना प्रभारी संजय वर्मा को सूचना दिया। इसके बाद पुलिस ने कंपनी के लोगों के साथ रात में मकान में छापेमारी कर नकली पाउडर के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया।

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    इंस्पेक्टर संजय वर्मा ने बताया कि अकबरपुर गांव के एक मकान में नकली डिटर्जेन्ट पाउडर बनाने की सूचना मिली थी, जिसके बाद वहां पंहुचकर मौके पर मौजूद एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया। मौके से भारी मात्रा में डिटरजेंट पाउडर, घड़ी कंपनी के पैकेट, खाली रैपर, खुला सर्फ, इलेक्ट्रॉनिक कांटा, पैकिंग मशीनें और अन्य सामान बरामद किया गया। आरोपित के खिलाफ मुकदमा धोखाधड़ी, कापीराइट एक्ट सहित अन्य सुसंगत धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया।

    अवैध फैक्ट्री से अनजान थे लोग

    अकबरपुर के जिस मकान में नकली डिटरजेंट बनाने की फैक्टरी चलाई जा रही थी, उसे राजकुमार गौतम ने एक माह पूर्व ही किराए पर लिया था। आरोपित ने मुनाफाखोरी के लालच में नकली सर्फ बनाने के कारोबार करने की सोच से गांव से बाहर एक मकान किराया पर लिया। इसके बाद आरोपित ने धड़ल्ले से घड़ी कंपनी का नकली डिटर्जेंट पाउडर बनाने लगे, जिसकी सप्लाई ग्रामीण क्षेत्रों में की जा रही थी। यह लोग बाजार मूल्य से भी सस्ता देने लगे थे, जिसकी सूचना कंपनी तक तो पंहुच गयी, लेकिन आसपास के लोगों को इसकी भनक तक नहीं लग पायी।