गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के अंगरक्षक समेत तीन की हत्या में ब्रजेश सिंह को ओडिशा से दिल्ली पुलिस ने किया था गिरफ्तार
UP Mafia मुख्तार अंसारी के काफिले पर 21 साल पूर्व हुए जानलेवा हमला व हत्या के षडयंत्र के आरोप में सशर्त जमानत मिलने पर ब्रजेश सिंह को गुरुवार की शाम सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया। करीब 14 साल से जेल में रहने के बाद यह रिहाई हुई है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी : UP Mafiaबाहुबली मुख्तार अंसारी के काफिले पर 21 साल पूर्व हुए जानलेवा हमला व हत्या के षडयंत्र के आरोप में सशर्त जमानत मिलने पर Brajesh Singh ब्रजेश सिंह को गुरुवार की शाम सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया। करीब 14 साल से जेल में रहने के बाद यह रिहाई हुई है। गाजीपुर के मोहम्मदाबाद क्षेत्र के उसरी चट्टी हत्याकांड में हाईकोर्ट ने बुधवार को सशर्त जमानत दी थी। यह आदेश जज अरविंद कुमार मिश्रा ने दिया था। ब्रजेश पर सिर्फ तीन मुकदमे में ट्रायल चल रहा है।
दो मामलों में पहले ही जमानत मिल चुकी है। सिर्फ यही मुकदमा था, जिसमें जमानत नहीं मिली थी। सेंट्रल जेल के जेलर सूबेदार यादव ने बताया कि एमपी एमएलए कोर्ट गाजीपुर से रिहाई आदेश मिलने के बाद शाम करीब सात बजे ब्रजेश सिंह को रिहा किया गया।
जेलर ने बताया कि इसके पूर्व कंट्रोल रूम को रेडियोग्राम भी प्राप्त हुआ था। उधर, रिहाई के दौरान जेल के बाहर गाडिय़ों का काफिला मौजूद था। उनकी एमएलसी पत्नी अन्नपूर्णा सिंह व उनके भतीजे व पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुजीत सिंह वहां मौजूद थे। काफिला जेल से निकलकर सीधा सिद्धगिरी बाग स्थित ब्रजेश सिंह के आवास पर गया।
काफिले पर 15 जुलाई 2001 की दोपहर उसरी चट्टी में जाने लेवा हमला किया गया था
मऊ सदर के तत्कालीन विधायक Mukhtar Ansari मुख्तार अंसारी के काफिले पर 15 जुलाई 2001 की दोपहर उसरी चट्टी में जाने लेवा हमला किया गया था। इसमें मुख्तार के अंगरक्षक सहित तीन लोगों की मौत हो गई थी और नौ लोग घायल हुए थे। मुख्तार ने ब्रजेश व त्रिभुवन सिंह को नामजद करते हुए 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने कोर्ट में चार आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। इनमें से दो की ट्रायल के दौरान मौत हो गई थी।
ब्रजेश के पिता रवींद्र नाथ सिंह उर्फ भुल्लन सिंह की 27 अगस्त को भूमि विवाद में हत्या कर दी गई थी
चौबेपुर के धौरहरा गांव में ब्रजेश के पिता रवींद्र नाथ सिंह उर्फ भुल्लन सिंह की 27 अगस्त को भूमि विवाद में हत्या कर दी गई थी। पिता की हत्या का बदला लेने के लिए ब्रजेश सिंह ने घर छोड़ दिया था। 28 मई 1985 को ब्रजेश सिंह का नाम धौरहरा के हरिहर सिंह की हत्या में आया था। इसे लेकर चौबेपुर थाने में ब्रजेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद यूपी, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली और ओडिशा में ब्रजेश सिंह के खिलाफ तीन दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हुए। करीब 23 साल बाद 24 फरवरी 2008 को ओडिशा के भुवनेश्वर से दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
वाराणसी सीट से ब्रजेश ने दो बार एमएलसी का चुनाव जीता था। उधर, जेल से बाहर आते ही ब्रजेश की दुश्मनी को लेकर पुलिस अलर्ट हो गई है। मुख्तार के अलावा ब्रजेश की दुश्मनी इंद्रदेव सिंह उर्फ बीकेडी से है। पुलिस भी वर्षों से बीकेडी की तलाश कर रही है।
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