यूपी चुनाव 2022 : जनाधार बढ़ाने के लिए छोटी पार्टियों को जोड़ रही भाजपा, एनडीपीएफ पार्टी का मिला साथ
वाराणसी में नेशनल डेमोक्रेटिक पीपुल्स फ्रंट ने भाजपा को समर्थन देने की घोषणा की है। इसके प्रदेश अध्यक्ष समेत दर्जनों पदाधिकारियों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। चार दिनों में भाजपा ने दो महत्वपूर्ण क्षेत्रीय पार्टियों का समर्थन प्राप्त किया है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी : विकास के मुद्दे पर काशी के माडल को प्रस्तुत करते हुए भाजपा चुनावी मैदान में उतर चुकी है। विकास व कानून व्यवस्था संगठन का मुख्य हथियार है। इसके बाद भी अन्य मोर्चों पर भी भाजपा मजबूती के लिए काम कर रही है। इसमें क्षेत्रीय आधार पर जनाधार बढ़ाने पर भी ज्यादा फोकस किया जा रहा है। यही वजह है कि बीते चार दिनों में भाजपा ने दो महत्वपूर्ण क्षेत्रीय पार्टियों का समर्थन प्राप्त किया है जिसके आधार पर संगठन के नीति व सिद्धांतों से लोगों को जोड़ रही है।
क्षेत्रीय छोटे दलों एनडीपीएफ पार्टी (नेशनल डेमोक्रेटिक पीपुल्स फ्रंट) ने समर्थन देने की घोषणा की है। इसके प्रदेश अध्यक्ष समेत दर्जनों पदाधिकारियों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। भारतीय जनता पार्टी की नीतियों से प्रभावित होकर भाजपा कार्यालय रोहनिया में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपने समर्थकों के साथ जिला अध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा की उपस्थिति में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। शामिल होने वालों में प्रमुख रूप से एनडीपीएफ के प्रदेश अध्यक्ष डा. शिव कुमार गुप्ता, डा. श्वेता गुप्ता सदानंद विश्वकर्मा सीडी शर्मा, कृष्ण गुप्त आदि शामिल हुए।
इस अवसर पर हंसराज विश्वकर्मा, संजय सोनकर, प्रवीण सिंह गौतम, अरविंद सिंह पटेल, विजय राज यादव, अरविंद मिश्रा, गोविंद दास गुप्ता, प्रवेश पटेल, विपिन पांडेय आदि उपस्थित थे। इससे पूर्व पूर्वांचल नव-निर्माण पार्टी ने भाजपा को विधानसभा चुनाव में बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा की। पूर्वांचल नव-निर्माण पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र मिश्र ने इस आशय का पत्र रोहनियां स्थित भाजपा क्षेत्रीय कार्यालय में काशी क्षेत्र के अध्यक्ष महेश चंद श्रीवास्तव को सौंपा। पत्र में स्पष्ट लिखा है कि भाजपा की रीति-नीति से प्रेरित होकर 2022 के विधानसभा चुनाव में अपने दल की और से बिना शर्त समर्थन की घोषणा करता हूं। क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी नवरतन राठी ने कहा कि आने वाले दिनों में कई अन्य क्षेत्रीय छोटे दल व प्रबुद्धजन भाजपा से जुड़ेंगे। संगठन की नीतियों व सिद्धांतों के आधार पर समर्थन मिल रहा है। कुछ ऐसे भी नेता भाजपा में शामिल हो रहे हैं जो सपा, बसपा, कांग्रेस जैसे बड़े दलों से जुड़े हुए हैं।
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