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    UP Election 2022 : विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण में अब्‍बास अंसारी, विजय मिश्र और धनंजय सिंह पर नजर

    By Abhishek SharmaEdited By:
    Updated: Sun, 06 Mar 2022 07:55 AM (IST)

    UP Election 2022 उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के अंतिम सातवें चरण में मऊ सदर से अब्‍बास अंसारी भदोही से विजय मिश्र और जौनपुर की मल्‍हनी विधानसभा सीट से धनंजय सिंह पर मतदाताओं की ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश की नजर लगी है।

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    पूर्वांचल में अब्‍बास अंसारी, विजय मिश्र और धनंजय सिंह पर नजर

    वाराणसी, इंटरनेट डेस्‍क। उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के अंतिम और सातवें चरण का चुनाव प्रचार अब थम चुका है। पूर्वांचल में बाहुबल की चर्चा होती है तो मऊ सदर सीट से मुख्‍तार अंसारी, भदोही से विजय मिश्र और जौनपुर की मल्‍हनी विधानसभा सीट से धनंजय सिंह का नाम ही मतदाताओं से लेकर सियासी दलों के बीच चर्चा में  रहता है। शनिवार की शाम को चुनाव प्रचार थमने के बाद मतदाताओं के बीच मऊ सदर, भदोही और जौनपुर की मल्‍हनी विधानसभा सीट को लेकर चर्चा का दौर शुरू हो चुका है। हालांकि, इस बार मुख्‍तार अंसारी ने अपने बड़े बेटे अब्‍बास को मऊ सदर से सुभासपा के टिकट पर सपा गठबंधन की ओर से उतारा है। 

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    पूर्वांचल में अब्‍बास, विजय मिश्र और धनंजय पर कई मुकदमे भी हैं। जबकि एक दिन पूर्व ही चुनाव आयोग ने सुभासपा से उम्‍मीदवार अब्‍बास अंसारी पर कार्रवाई करते हुए उनका चुनाव प्रचार तक प्रतिबंधित विवादित बयान की वजह से कर दिया था। विजय मिश्र प्रमासपा से जहां आगरा जेल से चुनाव मैदान में ताल ठोंक रहे हैं वहीं दूसरी ओर धनंजय सिंह ने भी चुनावी मैदान में जदयू की ओर से ताल ठोंका है। इन उम्‍मीदवारों पर इनके ही क्षेत्र के मतदाताओं की ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश की नजर लगी हुई है। इस लिहाज से पूर्वांचल में अंतिम सातवें दौर में सात मार्च को होने जा रहे मतदान में इन तीन सीटों को सबसे चर्चित सीटों के रूप में माना जा रहा है। 

    जेल से पांचवी बार चुनाव लड़ रहे विजय मिश्र : भदोही जिले की ज्ञानपुर विधानसभा सीट पर विजय मिश्र पांचवी बार प्रगतिशील मानव समाज पार्टी से ताल ठोंक रहे हैं। वह इन दिनों आगरा जेल में बंद हैं। उनके खिलाफ 22 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इसमें दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म, हत्या का प्रयास आदि हैं। विधानसभा चुनाव 2017 में सपा से टिकट कटने के बाद निषाद पार्टी से लड़े थे। करीब 22 हजार मतों से जीत दर्ज की थी। इसके पहले वह 2002 से तीन बार सपा से ही विधायक थे। इस बार वह जेल से ही विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। जेल से ही उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से नामांकन किया है। जेल में रहने के कारण उनकी एमएलसी पत्नी रामलली मिश्र व अधिवक्ता बेटी रीमा पांडेय चुनाव प्रचार कर रही हैं।

    जौनपुर के मल्हनी में जदयू से धनंजय सिंह : बिहार में भाजपा व जदयू का साथ है तो जौनपुर के मल्हनी में दो-दो हाथ करने को भाजपा व जदयू के प्रत्याशी तैयार हैं। जदयू ने मल्हनी से पूर्व सांसद धनंजय सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व सांसद केपी सिंह को मैदान में उतारा है। वहीं सपा ने अपने विधायक लकी यादव पर दांव लगाया है। ऐसे में यहां लड़ाई रोचक होती नजर आ रही है। राजग के घटक जनता दल (यू) ने इस सीट से पूर्व सांसद धनंजय सिंह को टिकट दे दिया है। मल्‍हनी से चुनाव लड़ रहे धनंजय सिंह पर भी कई मामले दर्ज हैं। चुनाव प्रचार के दौरान मल्हनी विधानसभा क्षेत्र से जदयू के उम्मीदवार पूर्व सांसद धनंजय सिंह के नामांकन पर लखनऊ में हुई हत्या के मामले को लेकर मऊ के पूर्व प्रमुख स्व. अजीत सिंह की पत्नी रानू सिंह ने सवाल उठाया था। 

    मऊ सदर से अब्‍बास पिता की जगह उम्‍मीदवार : वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में शूटिंग के शौकीन अब्बास अंसारी को घोसी से हार मिली थी। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में मऊ जिले के घोसी विधानसभा क्षेत्र से मुख्‍तार अंसारी के बड़े बेटे अब्बास अंसारी ने चुनाव मैदान में दस्‍तक दी थी। इस चुनाव में वह भाजपा के दिग्‍गज नेता फागू चौहान से वह चुनाव हार गए थे। इस बार चुनाव मैदान में सुभासपा की ओर से टिकट जारी किए जाने की जानकारी होने के बाद मऊ की सियासत में नई पीढ़ी शामिल हो गई है। उनपर भी कई मुकदमे हैं और जिला प्रशासन को चुनाव बाद धमकी देने का वीडियो वायरल होने के बाद चुनाव आयोग ने एक दिन के चुनाव प्रचार का उन पर प्रतिबंध भी लगाया था। 

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