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    यूपी विधानसभा चुनाव 2022 : वाराणसी में पोस्टल बैलेट के मतदाता अबकी हीरो भी बनाएंगे और पटखनी भी देंगे

    By Saurabh ChakravartyEdited By:
    Updated: Sun, 23 Jan 2022 05:22 PM (IST)

    UP Vidhan Sabha Election 2022 निर्वाचन आयोग ने इस बार आवश्यक सेवा से जुड़े 11 विभागों को पोस्टल बैलेट की सहूलियत दी है। इसके अलावा आयोग ने 80 वर्ष से ...और पढ़ें

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    UP Vidhan Sabha Election 2022 : इस बार आवश्यक सेवा से जुड़े 11 विभागों को पोस्टल बैलेट की सहूलियत है।

    वाराणसी, जागरण संवाददाता। पहले सर्विस वोटर ही पोस्टल बैलेट का इस्तेमाल करते थे। खासकर सेना में नौकरी करने वालों को यह सुविधा दी जाती थी, लेकिन आयोग ने इस बार दिव्यांग व 80 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों के साथ ही आवश्यक सेवा में कार्यरत कर्मियों के लिए भी यह सुविधा प्रदान कर दी है। इसमें यातायात, रेलवे समेत 11 विभागों को शामिल किया गया है। अनुमानत: पूर्वांचल के हर विधानसभा क्षेत्र में इनकी संख्या 10 हजार से कम नहीं होगी। इस बार पोस्टल बैलेट मतदाता किसी प्रत्याशी को हीरो बनाने तो किसी को पटखनी देने में सक्षम होंगे। सभी राजनीतिक दल अब इन्हें लुभाने में जुट गए हैं।

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    पोस्टल बैलेट मतदाता की बात करें तो सबसे पहले सर्विस वोटर आते हैं। इनमें मुख्य तौर पर अर्धसैनिक बल जैसे असम राइफल्स, सीआरपीएफ, बीएसएफ, आइटीबीपी, सीआइएसएफ या किसी भी सैन्य सेवा में शामिल लोगों को सर्विस वोटर की श्रेणी में रखा जाता है। इनकी वोटिंग की व्यवस्था ईटीपीबीएस यानी इलेक्ट्रानिक रूप से प्रेषित डाक मत प्रणाली होती है। पोस्टल बैलेट सीधे इनके विभागों को भेज दिया जाता है। वोटिंग के बाद यह डाक से पोस्टल बैलेट भेजते हैं।

    पूर्वांचल के 10 जिलों में इस बार 67,032 सर्विस वोटर चिह्नित हैं। सर्वाधिक 19,032 गाजीपुर में और सबसे कम 580 सर्विस वोटर सोनभद्र में हैं। गाजीपुर की जमानियां सीट पर 4,084 और सोनभद्र के ओबरा क्षेत्र में मात्र 66 लोग सेना में नौकरी करते हैं। वाराणसी में इनकी संख्या 5,965 है।

    दूसरी श्रेणी में 1.5 लाख वोटर

    पोस्टल बैलेट की दूसरी श्रेणी में इडीसी कर्मचारी होंगे। मतलब चुनाव ड्यूटी में लगे हुए कर्मचारियों को भी पोस्टल बैलेट ही जारी होंगे। वाराणसी में इनकी संख्या 19 हजार से अधिक है। पूर्वांचल में लगभग डेढ़ लाख से अधिक कर्मचारी चुनाव ड्यूटी में जुटे रहेंगे। इनकी वोटिंग दूसरे प्रशिक्षण के दौरान फैसिलिटेशन सेंटर बनाकर होंगे।

    हवाई जहाज उड़ाने व ट्रेन चलाने वालों को भी बैलेट पेपर

    आयोग ने इस बार आवश्यक सेवा से जुड़े 11 विभागों को पोस्टल बैलेट की सहूलियत दी है। इसमें सूचना व जनसंपर्क विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, डाक विभाग, यातायात, रेलवे, विद्युत विभाग, नागरिक उड्यन, मेट्रो रेल कारपोरेशन, दूरदर्शन, आल इंडिया रेडिया, भारत समाचार निगम लिमिटेड को भी पोस्टल बैलेट की सुविधा मिलेगी। जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से विभागों में नोडल अधिकारी नियुक्त होंगे। ये फार्म 12-डी भरकर पोस्टल बैलेट की डिमांड करेंगे। इनकी संख्या कितनी होगी यह तो फार्म डी आने के बाद ही तय होगी लेकिन हर जिले में 10 हजार से अधिक होने का अनुमान है।

    बुजुर्ग, दिव्यांग और कोविड मरीजों को भी पोस्टल बैलेट

    आयोग ने 80 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों, दिव्यांगों व कोविड मरीजों को अबसेंटी वोटर का नाम दिया है। बीएलओ इनके घर जाकर फार्म 12- डी भरवाएगी। फार्म 12 डी एक तरह से पोस्टल बैलेट पर वोटिंग का अधिकार मांगना है। पूर्वांचल के 10 जिलों में 1,57,675 दिव्यांग वोटर व 3.42 लाख बुजुर्ग वोटर मतदाता सूची में शामिल हैं।

    जिलावार पोस्टल बैलेट वाले वोटर

    जिला-- दिव्यांग - बुजुर्ग - सर्विस

    वारााणसी-26415- 42763- 5965

    आजमगढ़ -27441-74,470- -8113

    बलिया-19833-56,960 - 14251

    गाजीपुर-15804- 56,218- 19867

    सोनभद्र- 6984- 18,522--580

    जौनपुर-21240-- 46, 520- 4064

    चंदौली---8970 -16,377 -5475

    मीरजापुर-13,413--36,972--2978

    मऊ--8077-- 35, 806 --4736

    भदोही- 9498 --19325--1003

    महत्वपूर्ण तथ्य

    - वोटिंग के बाद बैलेट पेपर कोषागार के डबल लाक में रखे जाएंगे।

    - प्रेक्षक की निगरानी में मतगणना के दिन विशेष वाहन से इसे मतगणना स्थल तक भेजा जाएगा।

    - अलग टेबल पर इसकी गिनती होगी।