Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यूपी के इस जिले में भूमिगत होंगे बिजली के तार, परियोजना को मिली 881 करोड़ रुपये की मंजूरी

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 02:00 AM (IST)

    वाराणसी शहर में बिजली के लटकते तारों को भूमिगत करने की योजना है। एलएनटी कंपनी ने सर्वे पूरा कर लिया है और दिवाली के बाद काम शुरू होने की उम्मीद है। 881 करोड़ रुपये की आरडीएसएस परियोजना में 557 करोड़ रुपये तारों को भूमिगत करने पर खर्च होंगे। यातायात में बाधक पोल और ट्रांसफॉर्मर भी शिफ्ट किए जाएंगे। संकरी गलियों में एबीसी केबल लगाई जाएंगी।

    Hero Image
    बिजली के तारों को भूमिगत करने पर खर्च होंगे 577 करोड़ रुपये।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। शहर में लटकते बिजली के तारों को भूमिगत किया जाएगा। इसके लिए नामित कंपनी एलएनटी ने सर्वे लगभग पूरा कर लिया है। उम्मीद है कि दीपावली बाद डीआईजी कॉलोनी के सामने से चौकाघाट व चौकाघाट से नमो घाट तक बिजली के तारों को अंडरग्राउंड किया जाने लगेगा। इसके लिए पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के तहत 881 करोड़ की परियोजना स्वीकृत हुई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसमें बिजली के तार भूमिगत करने पर करीब 557 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यातायात में बाधक विद्युत पोल भी दूसरी जगह शिफ्ट किए जाएंगे। सड़क किनारे लगे ट्रांसफॉर्मर किसी पार्क या सड़क से कुछ दूर शिफ्ट किए जाएंगे।

    बिजली विभाग द्वारा योजना के तहत 4639 स्ट्रीट लाइटों को भी अंडरग्राउंड केबल से जोड़ा जाएगा। यातायात में बाधक 23 पोल दूसरी जगह शिफ्ट होंगे।

    जिन विद्युत लाइनों को भूमिगत करना है उसमें 33 केवी की 41.74 किलोमीटर और 11 केवी की 126.40 किलोमीटर की लाइन है। इसके अलावा दो हजार किलोमीटर क्षेत्र की एलटी लाइन भी भूमिगत कराई जाएगी।

    आरडीएसएस के तहत स्वीकृत कार्यों में बिजली के तारों को भूमिगत भी कराया जाना शामिल है। इसका कार्य दीपावली बाद शुरू हो जाएगा। संकरी गलियों में एबीसी केबल लगाकर तारों को सही कराया जाएगा। इसके बाद बिजली के लटकते तार दिखाई नहीं देंगे। -अनिल वर्मा, अधीक्षण अभियंता, सर्किल-दो।

    बिजली के साथ ही इंटरनेट केबल को सही कराने के लिए विगत वर्ष सितंबर में कार्य हुआ लेकिन दुकानदारों ने इंटरनेट बंद होने की बात कहकर इसका विरोध करना शुरू कर दिया। ठठेरी बाजार के साथ यह समस्या गढ़वासी टोला, राजमंदिर समेत अन्य कई क्षेत्रों में है। -कनकलता मिश्रा, पार्षद, वार्ड संख्या-79 बिंदु माधव।