Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नई व्यवस्था के तहत वाराणसी में 100 का ई-स्टांप 130 रुपये में, शुरू हुआ कमीशन का खेल

    By Saurabh ChakravartyEdited By:
    Updated: Sat, 03 Jul 2021 08:50 AM (IST)

    ई-स्टांप पर अधिक पैसा नहीं खर्च करना होगा। मतलब साफ 100 रुपये का ई-स्टांप पेपर खरीदने के लिए पब्लिक को मात्र 100 रुपये ही खर्च करने होंगे। वेंडर को कमीशन सरकार देगी। अब सब इससे इतर हो रहा है।

    Hero Image
    पब्लिक को 100 रुपये के ई-स्टांप पेपर लेने के लिए 120 से 130 रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं

    वाराणसी, जागरण संवाददाता। आननफानन स्टांप पेपर की आपूर्ति व छपाई बंद कर दी गई। ई-स्टांप पेपर को लगभग अनिवार्य कर दिया गया। स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्यमंत्री रवींद्र जायसवाल ने कहा था कि इस नई व्यवस्था से पारदर्शिता आएगी। पब्लिक की जेब नहीं कटेगी। ई-स्टांप पर अधिक पैसा नहीं खर्च करना होगा। मतलब साफ 100 रुपये का ई-स्टांप पेपर खरीदने के लिए पब्लिक को मात्र 100 रुपये ही खर्च करने होंगे। वेंडर को कमीशन सरकार देगी। अब सब इससे इतर हो रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पब्लिक को 100 रुपये के ई-स्टांप पेपर लेने के लिए 120 से 130 रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं, यानी 20 से 30 रुपये ज्यादा। वेंडरों का कहना है कि सरकार से जो कमीशन मिल रहा है, उक्त राशि में ई-स्टांप की बिक्री संभव नहीं है। एक स्टांप पेपर निकालने में गड़बड़ हो रहा है तो पूरा पैसा वेंडर को ही भरना पड़ रहा है। ऐसे में 30 रुपये ज्यादा लेना कोई गलत नहीं है। अधिवक्ताओं ने हाल ही में इसका विरोध किया था। निबंधन विभाग में हो-हल्ला मचाया था, लेकिन अधिकारियों ने इसकी शिकायत एडीएम वित्त एवं राजस्व से करने की बात कहकर किसी तरह अधिवक्ताओं को समझाने में सफल हुए थे।

    सुनिए पब्लिक की बात

    केस-1

    नदेसर क्षेत्र के राजकुमार पिछले दिनों ई-स्टांप के लिए कचहरी में एक वेंडर के पास गए। 100 रुपये का स्टांप लेना था। राजकुमार ने कहा कि बहुत ही आसानी से ई-स्टांप पेपर निकल गया। जेब से 100 की नोट निकालकर वेंडर को थमाए। वेंडर ने 130 रुपये की मांग की। जब उन्होंने कहा कि मंत्री ने तो हाल ही में कहा था कि ई-स्टांप पेपर पर एक पैसा कमीशन नहीं देना है। आप इतना क्यों मांग रहे हो। कहा, कि इतना ही लगता है।

    केस-दो

    जमीन की रजिस्ट्री कराने को पहडिय़ा क्षेत्र के जमीन से जुड़े एक कारोबारी निबंधन कार्यालय पहुंचे। ई-स्टांङ्क्षपग पहले से कराए थे, पर मूल्यांकन में मामूली यानी 1700 रुपये का स्टांप पेपर और लगाने की आवश्यकता हुई। ई-स्टांप के लिए जब कचहरी में गए तो आसानी से वेंडर ने निकालकर दे दिया, लेकिन 2000 रुपये लिये। जब उन्होंने कहा कि बैंक से हमने कराया एक पैसा अधिक नहीं देना पड़ा आप 300 रुपये अधिक ले रहे हो। वेंडर ने कहा कि यह बैंक नहीं है।

    प्रशासन के सभी दावे फेल

    निर्धारित कीमत के ई-स्टांप के बदले वेंडरों द्वारा ज्यादा पैसा लेना आए दिन की बात हो गई है। प्रशासन के सभी दावे फेल हैं। अधिकारियों ने ई-स्टांप को लेकर जागरूकता अभियान लंबे समय तक चलाया था। पब्लिक के बीच कहा था कि ई-स्टांप में फर्जीवाड़ा संभव नहीं है। यह पूरी तरह सुरक्षित है। आपको एक पैसा इस पर अधिक खर्च नहीं करना पड़ेगा। ये दावे टांय-टांय फिस्स हो चुके हैं। पब्लिक परेशान है, कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

    सरकार के निर्देश के बावजूद ई-स्टांप के लिए अधिक शुल्क लिया जा रहा

    सरकार के निर्देश के बावजूद ई-स्टांप के लिए अधिक शुल्क लिया जा रहा है। यह पूरी तरह से गलत है। इसकी शिकायत जिलाधिकारी व शासन से करेंगे ताकि इस पर रोक लगाई जा सके।

    -विनोद कुमार पांडेय, अध्यक्ष, बनारस बार एसोसिएशन

    कोषागार के काउंटर पर छोटे स्टांप समाप्त

    कोषागार काउंटर पर छोटे स्टांप समाप्त हो चुके हैं। स्टांप पेपर कानपुर डिपो से नहीं मिल रहा है। सिर्फ बड़े स्टांप हजार से अधिक की बिक्री हो रही है। कोषागार से जुड़े लोगों का कहना है कि स्टांप पेपर की छपाई बंद हो गई है। डिमांड भेजने के बाद भी अब नहीं मिल रहा है। बड़े स्टांप पेपर खत्म हो जाएंगे तो स्टांप पेपर के लिए खिड़की बंद हो जाएगी। नोटरी टिकट पहले से ही समाप्त है।