Updated: Sat, 13 Sep 2025 03:18 PM (IST)
वाराणसी में टाइफाइड के मामले बढ़ रहे हैं जिसका मुख्य कारण दूषित पानी और भोजन है। अगस्त से अब तक 250 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। भेलूपुर लहरतारा जैसे क्षेत्रों में संक्रमण तेज़ी से फैल रहा है। विशेषज्ञों ने उबला पानी पीने और स्वच्छता बनाए रखने की सलाह दी है। बुखार होने पर तुरंत जांच कराने की सलाह दी जा रही है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। जिले में टाइफाइड के मामलों ने जोर पकड़ लिया है। दूषित पानी और खाने से फैलने वाली इस बैक्टीरियल बीमारी ने शहर के विभिन्न इलाकों मरीजों की संख्या में वृद्धि कर दी है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार अगस्त से अब तक 250 से अधिक टाइफाइड पॉजिटिव केस दर्ज हो चुके हैं, जो पिछले महीने की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है।
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भेलूपुर, लहरतारा, रामनगर और कैंट क्षेत्रों में जलभराव और सीवर लीकेज के कारण संक्रमण तेजी से फैल रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया दूषित पानी के जरिए शरीर में प्रवेश कर पाचन तंत्र को प्रभावित कर रहा है। लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, कब्ज या दस्त, कमजोरी और पेट दर्द शामिल हैं, जो एक से तीन सप्ताह बाद उभरते हैं।
शुक्रवार को पीडीडीयू अस्पताल में 1400 मरीजों के पर्चे बनाए गए। इसमें 20 टाइफाइड के मरीज भी सामने आए हैं। इसी तरह मंडलीय चिकित्सालय में 1220 मरीजों के पर्चे बनाए गए। यहां भी 18 टाइफाइड के मरीज भर्ती होकर इलाज करा रहे हैं।
साथ ही इमरजेंसी में 33 मरीज भर्ती हुए। इसमें 19 मरीज डायरिया के पांच मरीज बुखार, पेट दर्द नौ मरीज अन्य बीमारी थे। पीडीडीयू अस्पताल की इमरजेंसी में आए प्रतिक ने बताया कि टाइफाइड बीमारी में ब्लड भी कम हो चुका है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि नगर निगम की लापरवाही से गंदा पानी सप्लाई हो रहा है।
रामनगर के विवेक ने कहा, घर का पानी पीने से पूरा परिवार बीमार पड़ गया। विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि उबला पानी पिएं, साफ-सफाई रखें, और बुखार होने पर तुरंत जांच कराएं।
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