आइपीएस अधिकारी बताकर बीएचयू के छात्राओं को ब्लैकमेल करने वाले दो गिरफ्तार, गैंगस्टर की होगी कार्रवाई
साइबर जालसाज नित नए हथकंडे अपना रहे हैं। इसी क्रम में खुद को आइपीएस अधिकारी बता कर बीएचयू की छात्राओं के न्यूड वीडियो के जरिए उन्हें ब्लैकमेल कर रुपये ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, वाराणसी : साइबर जालसाज नित नए हथकंडे अपना रहे हैं। इसी क्रम में खुद को आइपीएस अधिकारी बता कर बीएचयू की छात्राओं के न्यूड वीडियो के जरिए उन्हें ब्लैकमेल कर रुपये ऐंठने वाले दो साइबर अपराधियों को कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच व लंका पुलिस ने सर्विलांस व बैंक एकाउंट की मदद से गिरफ्तार किया है।
दोनों छात्राओं ने इस संबंध में लंका थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। झांसी के गुरसराय इलाके के सरसेड़ा निवासी चंद्रपाल परिहार खुद को आइपीएस बताता था। उसका साथी सगरा को मोहम्मद नासिर वीडियो तैयार करने में मदद करता था। छात्राओं से वसूले गए रुपये भी नासिर के बैंक एकाउंट में ट्रांसफर हुए थे। पुलिस आयुक्त ए. सतीश गणेश ने बताया कि इन पर गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जाएगी।
यह था अपराध करने का तरीका
चंद्रपाल परिहार खुद को आइपीएस अधिकारी अंकित गुप्ता बताकर छात्राओं को वाट्स एप काल करता था। अपने वाट्स एप नंबर की डीपी पर वह डीआइजी लिखा था। नंबर इंटरनेट मीडिया की मदद से हासिल करता था। काल करके वह कहता था कि मैं लखनऊ से बोल रहा हूं। तुम्हारी अश्लील फोटो और वीडियो वायरल हो रही है। तुम न्यूड होकर अपनी बॉडी मैच कराओ। इधर से महिला पुलिसकर्मी वीडियो कॉल पर तुम्हारी बॉडी मैच करेंगी। तुम्हारे पास जल्द ही लोकल पुलिस भी जाएगी।
पीडि़ता मना करती थी तो उसे धमकाता था कि सहयोग नहीं करोगी तो अनावश्यक कानूनी पचड़े में फंस जाओगी। जिस छात्रा के पास काल जाती थी वह चंद्रपाल की धमकी से डर कर वाट्स एप काल पर न्यूड हो जाती थी और फिर वह फोटो या वीडियो बना लेता था।
इसके बाद उसी फोटो या वीडियो का सहारा लेकर ब्लैकमेल कर नासिर के बैंक अकाउंट में पैसा मंगवाता था। दो मुकदमे दर्ज होने पर कमिश्नरेट क्राइम ब्रांच व लंका पुलिस सक्रिय हो गई। क्राइम ब्रांच ने सर्विलांस व बैंक एकाउंट की मदद से दोनों की तलाश कर नरिया तिराहे से दबोच लिया। इनके पास से घटना में प्रयुक्त दो मोबाइल बरामद किए गए।
अन्य जिलों से भी जुटाई जा रही जानकारी
पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने बताया कि अन्य जिलों की पुलिस से भी पता किया जा रहा है कि चंद्रपाल और नासिर ने उनके यहां तो इसी तरह का साइबर क्राइम नहीं किया है। साथ ही, पुलिस कमिश्नर ने अपील की है कि जिस किसी के साथ इस तरह की घटना हुई हो वह बिना संकोच तहरीर दें। घबराने या डरने से अपराधियों का मनोबल मजबूत होता है।
जो भी तहरीर आएगी, उसके आधार पर आरोपियों के खिलाफ प्रभावी तरीके से कार्रवाई की जाएगी। पीडि़त की पहचान को गोपनीय रखा जाएगा। इन्हीं जालसाजों द्वारा डीएसपी दीपक का नाम बताकर दूसरी लड़कियों को भी प्रताडि़त किए जाने का भी मामला सामने आया है।

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