आइए आज एक दीप जलाएं बलिदानियों के नाम, पुलिस लाइन मैदान में शाम चार बजे से अनूठा आयोजन
आज पुलिस लाइन मैदान में शाम 4 बजे से बलिदानियों के नाम एक दीप जलाने का अनूठा आयोजन है। यह कार्यक्रम उन शहीदों को समर्पित है जिन्होंने देश और समाज के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। इस आयोजन में सभी सादर आमंत्रित हैं, ताकि हम मिलकर उन बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें।

वीरता की गाथाओं की बहती रसधार को शुक्रवार को एक नया आधार मिलेगा, जब 1.51 लाख दीप जलाए जाएंगे।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। हर हृदय में उमड़ते देशभक्ति के ज्वार, बलिदानियों के प्रति प्यार और उनकी वीरता की गाथाओं की बहती रसधार को शुक्रवार को एक नया आधार मिलेगा, जब 1.51 लाख दीप जलाए जाएंगे। काशी, जिसे लघु भारत कहा जाता है, इस आयोजन के लिए तैयार है।
जब इतनी बड़ी संख्या में लोग दीप जलाएंगे, तो काशी के इतिहास में एक नया पन्ना जुड़ जाएगा। दीपावली के पूर्व यह आयोजन रोशनी की झड़ी बिखेर देगा। मातृभूमि की बलिवेदी पर अपने अमर बलिदान देने वाले बलिदानियों के स्वजन की पीड़ा इस प्रकाश में भले ही पूरी तरह मिट न जाए, लेकिन उनके हृदय के अंधकार और नैराश्य अवश्य छंटेंगे।
दैनिक जागरण के आह्वान पर काशीवासियों के हृदय में अमर क्रांतिकारी बलिदानी पं. रामप्रसाद बिस्मिल की पंक्तियां गूंज रही हैं: ‘शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का बाकी यही निशां होगा’।
इस अनूठे कार्यक्रम ‘एक दीया बलिदानियों के नाम’ में वाराणसी के सभी वर्गों के लोग शामिल होंगे। कार्यक्रम में वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट, सामाजिक, साहित्यिक, धार्मिक, राजनीतिक, शैक्षिक, कर्मचारी और पेशेवर संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे।
शाम चार बजे से शुरू होने वाले इस कार्यक्रम में काशी का हर वर्ग, हर समाज अपना योगदान देगा। मारवाड़ी, सिंधी, पंजाबी, गुजराती, मराठी, अग्रवाल, बंग, माहेश्वरी, आंध्र, तेलुगु, कन्नड़, तमिल, ओडिशी, खत्री, मैथिली आदि सभी समाज अपनी पारंपरिक वेशभूषा में उपस्थित होकर बलिदानियों को श्रद्धांजलि देंगे। इसके साथ ही, वे अपनी-अपनी भाषा में देशभक्ति पर आधारित लोकनृत्यों और गीतों के माध्यम से बलिदानियों की अमर गाथा भी प्रस्तुत करेंगे।
सभी वर्गों और समाजों के लोगों ने इस आयोजन के लिए उत्साहपूर्वक तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस अवसर पर, आप भी 17 अक्टूबर की शाम चार बजे पुलिस लाइन में आएं और उन बलिदानियों के नाम एक दीप जलाएं, जिन्होंने आपकी रक्षा के लिए, देश की सुरक्षा के लिए सीमा पर मुस्कुराते हुए अपनी जान दे दी।
यह आयोजन न केवल बलिदानियों को याद करने का एक अवसर है, बल्कि यह देशभक्ति की भावना को भी प्रगाढ़ करेगा। काशीवासियों का यह प्रयास न केवल बलिदानियों के प्रति श्रद्धांजलि है, बल्कि यह एकता और भाईचारे का प्रतीक भी है।
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