Tokyo Olympic : ध्यान रखें, मैदान पर देना है अपना शत-प्रतिशत, ओलिंपियन ललित उपाध्याय ने दी जूनियर खिलाड़ियों को नसीहत
र्वांचल में फिर हाकी का जलवा होगा। भारतीय टीम की जीत से पूर्वांचल में हाकी को नया आयाम मिलेगा। इस दौरान जूनियर व युवा खिलाड़ियों के बीच ललित ने करीब एक घंटे का समय बिताया। अपना तजुर्बा साझा करते हुए उनके सामने संभावनाओं का खाका भी खींचा।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। कभी यह मत सोचिए कि हम छोटे शहर के खिलाड़ी हैं। बस यह ध्यान रखें कि आप को मैदान पर अपना शत-प्रतिशत देना है। यह बातें ओलिंपिक कांस्य पदक विजेता भारतीय हाकी टीम के सदस्य ललित उपाध्याय ने बुधवार को सिगरा स्टेडियम में कही। वे हाकी वाराणसी व क्षेत्रीय खेल कार्यालय की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में जूनियर खिलाड़ियों संग अनुभव साझा कर रहे थे।
कहा, जिस तरह मैं ओलिंपिक तक पहुंचा हूं, उससे युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी। वर्तमान में जूनियर स्तर पर भी बनारस के कई खिलाड़ी भारतीय टीम में खेल रहे हैं। इसके अलावा भारत की विभिन्न एकेडमी में भी बनारस से कई खिलाड़ी हैं। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि पूर्वांचल में फिर हाकी का जलवा होगा। भारतीय टीम की जीत से पूर्वांचल में हाकी को नया आयाम मिलेगा। इस दौरान जूनियर व युवा खिलाड़ियों के बीच ललित ने करीब एक घंटे का समय बिताया। अपना तजुर्बा साझा करते हुए उनके सामने संभावनाओं का खाका भी खींचा। इससे पूर्व राज्यमंत्री रवींद्र जायसवाल ने ललित उपाध्याय का सम्मान किया। उन्होंने वादा किया कि भगतपुर मार्ग का नामकरण जल्द ही ललित के नाम पर किया जाएगा। अध्यक्षता हाकी वाराणसी की अध्यक्ष नीलू मिश्रा, स्वागत क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी आरपी सिंह, संचालन नागेंद्र सिंह व धन्यवाद ज्ञापन हाकी वाराणसी के सचिव कृष्ण बहादुर रावत ने किया। इस अवसर पर जिला ओलिंपिक संघ के कार्यकारी सचिव शम्स तबरेज शंपू सहित शिवानंद सिंह, डा. रघुराज प्रताप सिंह, गोपाल जी सेठ, विक्की मित्तल, दिनेश कुमार साहनी, कादिर जमाल, अंजलि चांगरानी, महेंद्र सिंह यादव आदि थे।
राजर्षि उदय प्रताप सिंह जूदेव को किया नमन
ओलिंपिक कांस्य पदक विजेता हाकी खिलाड़ी ललित उपाध्याय बुधवार को यूपी कालेज परिसर पहुंचे। यहां कालेज के संस्थापक राजर्षि उदय प्रताप सिंह जूदेव की प्रतिमा पर माल्यार्पण का नमन किया और गुरुजनों से आशीर्वाद लिया। हाई स्कूल तक की पढ़ाई ललित ने यूपी कालेज से की थी और यहीं के ग्राउंड पर हाकी का ककहरा सीखा था। गुरुजनों व मित्रों का आभार जताते हुए कहा कि आज मैं जिस भी ऊंचाई पर हूं, उसके कोच परमानंद मिश्रा का बहुत बड़ा योगदान रहा है। वहीं यूपी इंटर कालेज के वर्तमान प्रधानाचार्य डा. आरपी सिंह ने कक्षा छह में मेरा नाम कटने से रोका था और पढ़ाई व खेल दोनों में सामंस्य स्थापित करते खेलने के लिए प्रेरित किया था। इस अवसर पर ललित के पिता सतीश उपाध्याय व कोच परमानंद मिश्रा सहित यूपी कालेज के प्राचार्य डा. एसके सिंह, संजीव कुमार सिंह, जगम नारायण मिश्र, अजय कुमार सिंह, शिवम त्रिपाठी आदि थे।
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