Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    World Heart Day : दिल को मजबूत बनाने के लिए आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन अधिक सुरक्षित

    By Abhishek SharmaEdited By:
    Updated: Tue, 28 Sep 2021 06:01 PM (IST)

    World Heart Day हृदय रोगों के होने का मुख्य कारण है गलत दिनचर्या और खान पान। अधिक चिकनाई युक्त गलत खानपान और विलासिता पूर्ण जीवन से मनुष्य की हृदय की रक्तनलियां अवरूद्ध होने लगती है जिस कारण हृदय रोगों का खतरा बढ़ने लगता है।

    Hero Image
    हृदय रोगों के होने का मुख्य कारण है गलत दिनचर्या और खान पान।

    वाराणसी, जागरण संवाददाता। एक अनुमान के अनुसार विश्व की लगभग एक तिहाई जनसंख्या हृदय संबंधी बिमारियों जैसे हाई ब्लड प्रेशर और हर्ट अटैक इत्यादि से परेशान है। हृदय रोग से विश्व में प्रत्येक वर्ष लगभग 17 लाख लोग मरते है। दिल की बीमारियों को आम शब्द में हृदय रोग कहा जाता है जिसके अंतर्गत हृदय से संबंधित अनेक बीमारियां सम्मिलित हैं जिसका हृदय पर गलत प्रभाव पड़ता है।  इन रोगों होने का मुख्य कारण है गलत दिनचर्या और खान पान।अधिक चिकनाई युक्त गलत खानपान और विलासिता पूर्ण जीवन से मनुष्य की हृदय की रक्तनलियां अवरूद्ध होने लगती है  जिस कारण हृदय रोगों का खतरा बढ़ने लगता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हृदय रोगों में आयुर्वेद बहुत लाभकारी है। आयुर्वेद की औषधियां हृदय को तंदुरुस्‍त रखती है। आयुर्वेद के इन उपायों को अपनाकर आप अपने हृदय को मजबूत बना सकते हैं और हृदय रोगों से अपना बचाव कर सकते है। इन उपायों को बता रहा है चौकाघाट स्थित राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, वाराणसी के कायचिकित्सा एवं पंचकर्म विभाग के डॉ. अजय कुमार -

    आयुर्वेद से कैसे कर सकते है बचाव : हृदय रोगों में आयुर्वेद बहुत लाभकारी है। आयुर्वेद दिल को तंदुरुस्‍त रखता है। आयुर्वेद के इन उपायों को अपनाकर आप अपने दिल को मजबूत बना सकते हैं। किसी भी योग्य और अनुभवी वैद्य के परामर्श लेकर इन औषधीय और उपयो के करने से हृदय रोगों से काफी हद तक बचाव कर सकते है।

    1. अर्जुन - अर्जुन की छाल हृदय संबंधी समस्याओं को दूर करने में मददगार होती है। इसकी छाल का पाउडर बनाकर या इससे गाय के दूध में पकाकर क्षीरपाक बनाकर लेने से हृदय रोगों के होने की संभावना ही नही रहती है।

    2. ब्राम्ही और जटामांसी -  ब्राह्मी और जटामांसी जैसी औषधि दिमाग को शांत रखने वाली औषधि है। दिमाग शांत रहने से हृदय के कार्य में बाधा नही आती है।ये दिल की धड़कन को नियंत्रि‍त करने में लाभकारी है।

    3. पुनर्नवा - पूर्णानवा भी हृदय रोगों को दूर करने में लाभकारी है। यह कोलेस्ट्रोल और ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित रखता है।

    4. कुटकी - कुटकी मुख्य रूप से लिवर पर काम करता है। लिवर द्वारा सभी एंजाइम और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहने से हृदरोग का खतरा काफी कम हो जाता है। 

    5. हल्दी - खासकर दिल की सेहत के लिए नियमित रूप से हल्दी का सेवन बहुत जरूरी है।बहुत से शोध में ऐ बात सामने आयी है की हल्दी हमारे शरीर में खून का थक्का नहीं बनने देती क्योंकि यह खून को पतला करने का काम करती है।

    6. गाय का दूध - गाय का दूध पीने वाले को हृदय रोग नहीं होता। आयुर्वेद में गाय के दूध को हल्का, सुपाच्य, हृदय को बल देने वाला और बुद्धिवर्धक माना गया है।

    7. अलसी - अलसी का उपयोग दिल की बीमारियों से बचा सकता है। अलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो रक्त नलिकाओं में वसा के जमाव को रोकता है।