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    15 फरवरी से 31 मार्च तक वाराणसी-नई दिल्ली आने-जाने वालों को तेजस में सफर करने का मौका मिलेगा

    By Saurabh ChakravartyEdited By:
    Updated: Sat, 06 Feb 2021 06:20 AM (IST)

    वंदे भारत एक्सप्रेस के पीओएच (फुल ओवरहालिंग) की अवधि पूरी हो गई है। इसलिए उसके विकल्प के तौर पर तेजस ट्रेन का संचालन किया जाएगा। इसका किराया शताब्दी एक्सप्रेस के समान होगा। 15 फरवरी से 31 मार्च तक बनारस-नई दिल्ली आने-जाने वालों को तेजस में सफर करने का मौका मिलेगा।

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    15 फरवरी से 31 मार्च तक बनारस-नई दिल्ली आने-जाने वालों को तेजस में सफर करने का मौका मिलेगा।

    वाराणसी, जेएनएन। वंदे भारत एक्सप्रेस के पीओएच (फुल ओवरहालिंग) की अवधि पूरी हो गई है। इसलिए उसके विकल्प के तौर पर तेजस ट्रेन का संचालन किया जाएगा। इसका किराया शताब्दी एक्सप्रेस के समान होगा। 15 फरवरी से 31 मार्च तक बनारस-नई दिल्ली आने-जाने वालों को तेजस में सफर करने का मौका मिलेगा। कारपोरेट ट्रेन तेजस की समयसारिणी रेलवे प्रशासन जल्द जारी करेगा।

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    वाराणसी से नई दिल्ली के बीच चलने वाली सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस 15 फरवरी से नहीं चलेगी। यात्री इस ट्रेन में एक अप्रैल के बाद आरक्षण करा सकेंगे। रेलवे की तरफ से बताया गया है कि ट्रेन के कोच ओवरहालिंग के लिए लखनऊ और नई दिल्ली के वर्कशाप में भेजे जाएंगे।

    एक अप्रैल से लौटेगी वंदे भारत

    उत्तर रेलवे, नई दिल्ली के सीपीआरओ दीपक कुमार ने बताया कि मरम्मत और ओवरहालिंग के कारण 45 दिनों तक नई दिल्ली-वाराणसी वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन रद रहेगा। एक अप्रैल से पुन: ट्रेन ट्रैक पर उतरेगी। यात्रियों को परेशानियां न हो, इसके लिए तेजस एक्सप्रेस के रैक को चलाने की तैयारी है। स्थानीय रेल अधिकारियों के अनुसार 18 माह पूरे होने या छह लाख किलोमीटर की यात्रा के बाद ट्रेन के रैक को वर्कशाप में ओवरहालिंग के लिए भेजना जरूरी होता है।

    फरवरी 2019 में पीएम ने दिखाई थी हरी झंडी

    वंदे भारत का ट्रायल रन दो फरवरी 2019 को हुआ था और पीएम नरेंद्र मोदी ने फरवरी के दूसरे सप्ताह में हरी झंडी दिखाकर इसे रवाना किया था। लाकडाउन के दौरान यह ट्रेन 173 दिन तक बंद रही और 12 सिंतबर 2020 से फिर यह ट्रेन ट्रैक पर लौटी।

    एक अप्रैल से फिर लगेगा रैक

    कैंट स्टेशन के निदेशक आनंद मोहन ने बताया कि एक अप्रैल से पुन: वंदे भारत के रैक लग जाएंगे। 18 महीने में इस ट्रेन ने छह लाख किलोमीटर की यात्रा तय की है। ऐसे में इसके मेंटेनेंस के लिए यह कदम उठाए गए हैं। वंदेभारत का सिर्फ एक रैक होने से ट्रेन में तेजस के कोच जोडऩे का फैसला लिया गया है।