भारत सरकार की टीम ने सीएचसी का किया पड़ताल, दिए महत्वपूर्ण सुझाव
भारत सरकार की एक टीम ने वाराणसी के सीएचसी का निरीक्षण किया और महत्वपूर्ण सुझाव दिए। टीम ने सीएचसी की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और स्वास्थ्य सेवाओं को ब ...और पढ़ें

टीम के सुझावों से सीएचसी की सेवाओं में सुधार की उम्मीद है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी (काशी विद्यापीठ ब्लाक)। राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्वास) के लिए भारत सरकार की दो सदस्यीय टीम ने शनिवार को सीएचसी मिसिरपुर का मूल्यांकन किया। इस टीम में डा. कांति लाल चौधरी और सरिता देवी शामिल थीं। एसेसमेंट के दौरान टीम ने मेडिकल उपकरणों के रखरखाव, समय पर उपकरणों का कैलिब्रेसन, दवाओं का वितरण और रखरखाव, प्रयोगशाला में जांच के तरीकों, तथा आनलाइन रिपोर्ट की प्रस्तुतीकरण की जानकारी ली।
टीम ने लेबर रूम में गर्भवती महिलाओं के आने से लेकर प्रसव के बाद तक की स्थिति का भी अवलोकन किया। उन्होंने जानकारी के लिए लगाए गए पोस्टर, माताओं का पार्टोग्राफ, और बेड हेट टिकट की जानकारी भी प्राप्त की। इसके अतिरिक्त, जेएसवाई भुगतान, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, बच्चों के जन्म के बाद टीकाकरण, प्रसव के बाद मां और शिशु के रुकने के रिकॉर्ड, और प्रसव उपरांत माताओं को दी जाने वाली परिवार नियोजन सेवाओं का रजिस्टर भी टीम ने जांचा।
टीम ने लाभार्थियों और चिकित्सा स्टाफ से संक्रमण से बचाव के उपायों के बारे में भी पूछताछ की। प्रसव के बाद निकलने वाले अपशिष्ट जैव पदार्थ और प्रयुक्त उपकरणों के प्रबंधन पर भी गहराई से जांच की गई।
टीम के सदस्यों ने चिकित्सा अधीक्षक डा. रामबली सिंह को कई सुझाव दिए, जैसे कि लेबर रूम में रिकलाइन लेबर टेबल की व्यवस्था, पैर से खुलने वाले बीएमडब्ल्यू बाल्टी का उपयोग, अस्पताल के मुख्य प्रवेश द्वार पर रैंप को सुविधाजनक बनाना, इमरजेंसी के प्रवेश द्वार पर रैंप बनवाना, आक्सीजन प्लांट की मासिक मॉकड्रिल, स्ट्रेचर पर पतला गद्दा और सेफ्टी बेल्ट लगाने, और वार्ड में एक व्हील वेड रखने का सुझाव दिया।
गौरतलब है कि गत शुक्रवार को भी उक्त टीम द्वारा सीएचसी की पड़ताल की गई थी, जिसमें अस्पताल की साफ-सफाई की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया था। एनक्वास के लिए निर्धारित मानकों पर खरा उतरने पर सीएचसी को एनक्वास का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इस दौरान मंडलीय क्वालिटी सलाहकार डा. तनवीर सिद्दीकी, चिकित्सा अधीक्षक डा. अंबुज गुप्ता, डा. अनीता, डा. वंदना, एचईओ वीरेंद्र चौहान और एआरओ डा. बसंत राय भी उपस्थित थे।

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